दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अग्रवाल मेडिकल सेंटर को उसका पंजीकरण रद्द करने के लिए एक कारण नोटिस जारी किया है। पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर डॉक्टरों की गिरफ्तारी की थी, जो बिना उचित डिग्री के मरीजों की सर्जरी कर रहे थे। इसके बाद दिल्ली मेडिकल काउंसिल में मरीजों की मौत के खिलाफ सात शिकायतें दर्ज की गईं।

मरीजों की मौत के बाद आगे की जांच में डॉक्टर नीरज अग्रवाल द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार करने का खुलासा हुआ है। उन्होंने बिना किसी परीक्षण या तजुर्बे के सर्जरी की जिम्मेदारी ले ली थी और फर्जी दस्तावेज बनाए थे।

पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की है और जांच के दौरान उनके पास से 414 प्रिस्क्रिप्शन पर्चियां भी जब्त की हैं। इसमें दस्तावेजों पर केवल डॉक्टरों के हस्ताक्षर हैं और विभिन्न मरीजों के मूल नुस्खे भी दिए गए हैं।

अग्रवाल मेडिकल सेंटर के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में सात शिकायतें दर्ज की गईं। इसमें मरीजों की लापरवाही के चलते अनेक मरीजों की मौत हुई थी। मरीजों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रक्तस्रावी आघात का उल्लेख हुआ है। इसके चलते सरकार ने मेडिकल सेंटर का पंजीकरण रद्द करने का नोटिस जारी किया है।

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