कुवैत में काम कर रहे प्रवासियों की जो कोरोनोवायरस के कारण वहां फंस गया है, उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में कुवैत के सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल के दौरान अब तक कुवैत में लगभग 75,000 लोगों ने अपना निवास परमिट खो दिया है। दरअसल इन सभी लोगों का निवास परमिट खत्म हो गया और अब तक उन्होंने इस renew नहीं कराया है।
दरअसल इस बात का खुलासा कुवैत के अखबार अल जय ने किया है। उन्होंने कहा कि “इसके लिए जिम्मेदारी उन या उनके प्रायोजकों पर आती है जिन्होंने आंतरिक मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से अपने निवास परमिट को नवीनीकृत नहीं किया है, जिसने उन्हें मौका दिया और सभी कानूनी और मानवीय पहलुओं पर ध्यान दिया।” इसके बावजूद इन लोगों ने अब तक अपना निवास परमिट renew नहीं कराया है।
अधिकारी ने कहा कि ‘हम अब तक इन लोगों के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में यह सभी लोग जारी समय अवधि के अंदर अपने देश वापस लौट जाये या फिर अपना निवास परमिट जल्द से जल्द renew करा ले।’
कुवैत अथॉरिटी ने इस बाबत एक्शन लेना शुरू कर दिया है और इसके लिए मैं वास्तविक टीम बनाकर इसके ऊपर कार्य करना शुरू कर दिया गया.
बता दे इस महीने की शुरुआत में, कुवैत ने कोरोनोवायरस के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए 31 देशों के यात्रियों के प्रवेश को निलंबित कर दिया था। जारी लिस्ट के आधार पर 31 देशों के लोगों की कुवैत में एंट्री पर बैन लगा दिया गया था।
उसी अधिकारी के अनुसार, एक रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत की योजना है कि नए रेजिडेंसी परमिट और एंट्री वीजा की फीस एक प्रत्याशित कानून में निर्धारित की जाएगी। विदेशी लोगों की कुवैत की 4.8 मिलियन जनसंख्या में लगभग 3.4 मिलियन है। जनसांख्यिकी असंतुलन के निवारण के लिए कुवैत में मौजूदा स्थिति डगमगाने लगी है, जिससे कई सरकारी निकायों को अपने विदेशी कर्मचारियों की संख्या को कम करने की योजना का खुलासा करना पड़ रहा है।
वहीं इस मामले पर कुवैती संसद ने कथित तौर पर देश में प्रवासियों की संख्या वापस करने के प्रस्तावों पर गौर करना शुरू कर दिया है।GulfHindi.com