भारत में नौकरी न मिलने की वजह से भारतीय नागरिक अक्सर अरब और मध्य पूर्व एशिया के अन्य देशों का रुख़ करते हैं जहाँ पर उन्हें सस्ते लेबर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. सैलरी से घर चलता रहता है लेकिन उसके लिए वह प्रवासी कामगार अपना सब कुछ दाँव पर लगा रहा होता है. मेहनत इतनी कराई जाती है की 45, 50 की उम्र आते आते, कमर दर्द और शारीरिक कठिनाइयाँ शुरू हो जाते हैं.
विदेश में काम पर 10 कामगारों का मौत.
मालदीव की राजधानी माले में एक ‘गैराज’ में आग लगने से आठ भारतीयों सहित 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए. इस इमारत की पहली मंजिल पर प्रवासी मजदूर रहते थे. भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
भारतीय दूतावास ने 8 भारतीय लोगो के देहांत को कन्फर्म किया
आग देर रात करीब साढ़े 12 बजे मावियो मस्जिद के पास एम. निरुफेफी में लगी. भारतीय उच्चायोग में कार्यरत कल्याण कार्यों के अधिकारी रामधीर सिंह ने कहा, 10 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है जिनमें से आठ भारतीय नगारिक हैं.
हो सकता हैं मर्डर भी
घर वालों ने इस पूरे मामले को एक प्लानिंग के तहत किया हुआ कामगारों का हत्या बता रहे हैं. कुछ लोगों का कहना है कि सैलरी न देने के लिए यह पूरा कारनामा किया गया है. आपको बताते चलें कि हाल ही में मलेशिया में भारतीय कामगारों के साथ भी कुछ इस प्रकार घटना हुआ था.
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