अमेरिका (US) से आई एक रिपोर्ट की वजह से साल 2023 की शुरुआत में भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन अब हालात बदल गए हैं और अमेरिका का अडानी पर भरोसा बढ़ा है, जिसके चलते वहां की सरकार Adani Group में भारी-भरकम फंड देने जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका का इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कार्पोरेशन (DFC), ग्रुप को 533 मिलियन डॉलर या करीब 4,400 करोड़ रुपये का फंड देगा.
533 मिलियन डॉलर के फंड को मंजूरी!
अमेरिका के DFC की ओर से 533 मिलियन डॉलर का जो बड़ा फंड दिया जा रहा है, उसका इस्तेमाल श्रीलंका में एक प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा. अमेरिका द्वारा Adani Group पर जताए गए इस भरोसे से उनके निवेशकों के सेंटीमेंट पर भी असर पड़ेगा, जो कि इस साल की शुरुआत में अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) की एक रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से डगमगा गया था और गौतम अडानी को करीब 60 अरब डॉलर का नुकसान करा गया था. अब न केवल हिंडनबर्ग का साया अडानी ग्रुप की कंपनियों से हट चुका है, दूसरी ओर अमेरिका का भरोसा भी अडानी पर बढ़ा है.
अडानी के इस प्रोजेक्ट में होगा निवेश
अडानी ग्रुप अमेरिका से मिलने वाली इस मदद से श्रीलंका (Sri Lanka) में चल रहे अपने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएंगे साथ ही समूह के प्रति निवेशकों के भरोसे में भी इजाफा होगा. गौरतलब है कि श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट में Adani Group द्वारा एक डीप वाटर कंटेनर टर्मिनल बनाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड (Adani Port) की वेस्ट टर्मिनल कंटेनर में 51 फीसदी हिस्सेदारी है. अमेरिकी सरकार की ओर से किसी एजेंसी द्वारा अडानी ग्रुप में किया जाने वाला ये पहला निवेश है.
हिंडनबर्ग ने कराया था बड़ा नुकसान
बीते साल 2022 में गौतम अडानी दुनिया में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले अरबपति बनकर उभरे थे और Top-10 Billionaires की लिस्ट में भी वे दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे. लेकिन साल की शुरुआत में बीते 24 जनवरी 2023 को नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर शेयरों की कीमत में हेर-फेर करने और कंपनियों पर कर्ज को लेकर अपनी रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की और अडानी की कंपनियों के शेयर भरभराकर टूटने लगे. अडानी ग्रुप की ओर से इस रिपोर्ट को निराधार बताया गया, लेकिन निवेशकों का सेंटिमेंट ऐसा बिगड़ा कि कुछ ही महीनों में गौतम अडानी की नेटवर्थ (Gautam Adani Networth) में 60 अरब डॉलर की कमी आ गई.
चीन का रणनीतिक प्रभाव होगा कम
श्रीलंका में चल रहे अडानी के प्रोजेक्ट में अमेरिका का निवेश पड़ोसी चीन (China) के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. द्विपीय देश को अपने कर्ज के जाल में फंसाकर वहां अपना प्रभुत्व स्थापित करते जा रहे चीन को इस डील से मिर्ची लगने वाली है. इससे चीन के रणनीतिक प्रभाव पर विपरीत असर हो सकता है. अब बात करें कि आखिर अमेरिका को अडानी ग्रुप के श्रीलंकाई प्रोजेक्ट में निवेश करने से क्या फायदा होने वाला है? तो रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका के पोर्ट में ये बड़ा इन्वेस्टमेंट अमेरिका की इंडो पैसेफिक क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर करता है. DFC का मकसद अमेरिका की विदेश नीति के लक्ष्यों के साधने के साथ विकासशील देशों को मदद देना है.