जर्मन वित्तीय संस्थान कॉमर्जबैंक की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सोने और चांदी की चमक फिलहाल फीकी पड़ने की आशंका है। इसका बड़ा कारण ब्याज दर कटौती की उम्मीदों में चल रहा सुधार है। जब केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ती है, तो निवेशक सुरक्षित संपत्तियों, जैसे सोने और चांदी में निवेश करते हैं। इससे उनके कीमतों में तेजी आती है। लेकिन, जब ब्याज दर कटौती की उम्मीद कम होती है, तो निवेशक सुरक्षित संपत्तियों से बाहर निकलकर, अन्य निवेश विकल्पों, जैसे बॉन्ड और स्टॉक्स में पैसा लगाते हैं। इस वजह से सोने और चांदी की मांग घटती है, और नतीजतन उनकी कीमतें भी गिरती हैं।
आर्थिक आंकड़ों में दिख रही कमजोरी
कॉमर्जबैंक का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अब पहले की तरह आक्रामक रूप से ब्याज दर नहीं बढ़ाएगा। इसका कारण हालिया आर्थिक आंकड़ों में दिख रही कमजोरी है। इससे ब्याज दर कटौती की उम्मीदें भविष्य में बढ़ सकती हैं। यही वजह है कि कॉमर्जबैंक का मानना है कि निकट भविष्य में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है।