भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है. मोबाइल हो या टेलीविजन या फिर कोई भी अन्य इलेक्ट्रानिक उत्पाद उसके लिए भारतीय जनसंख्या दुनिया भर का सबसे बड़ा बाजार बनती है. अब भारत इलेक्ट्रॉनिक से क्षेत्र में केवल कंजक्शन वाला बाजार न होकर निर्यातक वाला बाजार भी बनने की तैयारी में है.
भारत में बिकने वाला अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बाहर से बनकर आता है और इसके कारण से यह देश में महंगा बिकता है. लेकिन अब देश में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चाहे वह किसी भी रेंज के क्यों ना हो वह और सस्ते होने जा रहे हैं.
देश में हो रहे शुरुआत के वजह से आईफोन हो या फिर अन्य कीमती इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सब की कीमतों में अच्छी खासी गिरावट जल्द देखने को मिलेगी.
भारतीय इलेक्ट्रोनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, देश में बहुत जल्द अरबों डॉलर की लागत से दो सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट्स की स्थापना होने वाली है। इन परियोजनाओं में इज़राइल स्थित टॉवर सेमीकंडक्टर्स का 8 बिलियन डॉलर का प्रस्ताव और टाटा समूह का प्रस्ताव शामिल हैं। ये प्लांट्स 65, 40 और 28-नैनोमीटर टेक्नोलॉजी के लिए होंगे और इसमें अरबों डॉलर का निवेश होगा।
सरकार को सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट्स स्थापित करने के लिए कुल 4 प्रस्ताव मिले हैं और चिप असेंबली, टेस्टिंग, मॉनिटरिंग और पैकेजिंग (ATMP) यूनिट्स के लिए 13 अतिरिक्त प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें अमेरिका स्थित मेमोरी चिप निर्माता माइक्रोन द्वारा गुजरात में स्थापित किए जा रहे 22,516 करोड़ रुपये के चिप असेंबली प्लांट का प्रस्ताव भी शामिल है।
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि ये प्रस्ताव बड़े, विश्वसनीय और महत्वपूर्ण निवेश से संबंधित हैं, और सरकार इन पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस पहल से भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और यह देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।