जॉब बदलने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड (पीएफ) के बैलेंस को नए अकाउंट में ट्रांसफर करना अब काफी आसान हो गया है। इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक नई ऑटोमैटिक ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू की है।
पहले कैसे करना पड़ता था ट्रांसफर?
अभी तक जब भी कोई कर्मचारी कंपनी बदलता था तो पुराने अकाउंट का पीएफ बैलेंस नए अकाउंट में ट्रांसफर करवाने के लिए अलग से फॉर्म भरना पड़ता था। इस प्रक्रिया में देरी भी होती थी, और कई बार परेशानी भी।
कैसे काम करेगा ऑटोमैटिक ट्रांसफर?
अब आपके पुराने पीएफ अकाउंट का बैलेंस ऑटोमैटिक रूप से आपके नए अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा। इसके लिए आपको कुछ करने की ज़रूरत नहीं है।
किन कर्मचारियों को मिलेगी ये सुविधा?
इस ऑटोमैटिक ट्रांसफर की सुविधा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी जिनके पुराने और नए दोनों EPF अकाउंट EPFO के पास हैं। अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं जहां अलग से PF ट्रस्ट है, तो आपको ये सुविधा नहीं मिलेगी।
किन बातों का रखें ध्यान
ऑटोमैटिक ट्रांसफर के लिए ज़रूरी है कि-
- आपका UAN (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) और आधार नंबर, जो आप नई कंपनी में दे रहे हैं, वो EPFO के डेटाबेस में मौजूद जानकारी से मैच करता हो।
- पुराने अकाउंट के साथ भी आधार जुड़ा और वेरीफाइड हो।
- पिछली कंपनी ने आपके ज्वाइन करने और छोड़ने की तारीख ईपीएफओ को दे दी हों।
- आपका UAN एक्टिव हो और उससे आपका मोबाइल नंबर भी जुड़ा हो।
कैसे होगी प्रक्रिया?
जैसे ही नई कंपनी पहली महीने की पीएफ की राशि जमा करेगी, ऑटोमैटिक ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अगर किसी वजह से ट्रांसफर नहीं हो पाता, तो आप फॉर्म 13 के माध्यम से मैनुअल तरीके से ट्रांसफर करवा सकते हैं।
ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू होने पर आपको एसएमएस और ईमेल से इसकी जानकारी मिलेगी। पासबुक में आपको ट्रांसफर हुई रकम दिख जाएगी।