अगर आप लंबे समय तक स्थायी निवेश करना चाहते हैं और महंगाई को मात देने वाले रिटर्न कमाना चाहते हैं, तो लोक भविष्य निधि/पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश करना आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। नियमित निवेश और चक्रवृद्धि ब्याज के जादू से आप 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड जमा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
पीपीएफ को समझें
पीपीएफ एक सरकारी समर्थित बचत योजना है, जिसे लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
सरकार द्वारा हर तिमाही में पीपीएफ का ब्याज दर संशोधित किया जाता है और इस तिमाही के लिए यह दर 7.1% है। यह योजना ‘Exempt-Exempt-Exempt’ (EEE) टैक्स स्टेटस प्रदान करती है, जिसका मतलब है कि निवेश, कमाया गया ब्याज और परिपक्वता राशि सब कुछ टैक्स मुक्त होता है।
चक्रवृद्धि का जादू
पीपीएफ से रिटर्न पाने का मुख्य राज चक्रवृद्धि ब्याज में है। नियमित निवेश करके और ब्याज को समय के साथ रहने देकर आपका निवेश महत्वपूर्ण रूप से बढ़ता है।
आइए देखें, अलग-अलग निवेश अवधियों और वर्तमान ब्याज दर 7.1% के साथ यह कैसे काम करता है:
निवेश अवधि | कुल पीपीएफ निवेश | कुल ब्याज | परिपक्वता मूल्य |
---|---|---|---|
15 साल | ₹1.5 लाख प्रति वर्ष | ₹18.18 लाख | ₹40.68 लाख |
20 साल | ₹1.5 लाख प्रति वर्ष | ₹36.58 लाख | ₹66.58 लाख |
30 साल | ₹1.5 लाख प्रति वर्ष | ₹1.09 करोड़ | ₹1.54 करोड़ |
ऊपर दिए गए उदाहरण से स्पष्ट होता है कि ₹1.5 लाख प्रति वर्ष निवेश कर आप 15 से 30 साल की अवधि में ₹40 लाख से ₹1.5 करोड़ से ज्यादा का फंड जमा सकते हैं। ध्यान रखें कि ये गणना सिर्फ उदाहरण है और आप अलग-अलग पीपीएफ कैलकुलेटर का उपयोग करके अपने रिटर्न का अनुमान भी लगा सकते हैं।
पीपीएफ के फायदे
- कर लाभ: पीपीएफ में निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक कर कटौती योग्य होते हैं।
- टैक्स-फ्री रिटर्न: कमाया गया ब्याज और परिपक्वता राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री होती है।
- सुरक्षित निवेश: सरकार समर्थित होने के कारण पीपीएफ एक बहुत ही सुरक्षित निवेश विकल्प है।