अधिक आय वालों को भी राहत संभव बजट उम्मीद। जुलाई में पेश होने वाले आम बजट से काफी उम्मीदें की जा रही हैं। माना जा रहा है कि सरकार कुछ बड़े फैसले ले सकती है।
सरकार 10 लाख से ऊपर की सालाना आय वाले लोगों के लिए भी कर व्यवस्था में बदलाव पर विचार कर रही है, जिसकी मांग नौकरीपेशा वर्ग की तरफ से लगातार की जा रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री की बैठकें
बीते दो हफ्तों के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले विशेषज्ञों और प्रमुख औद्योगिक संगठनों के लोगों के साथ बैठकें की हैं।
आयकर स्लैब में बदलाव की मांग
नौकरीपेशा लोगों के लिए आयकर स्लैब में बदलाव करने की भी मांग रखी गई है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि नौकरीपेशा लोगों पर आयकर बोझ काफी ज्यादा है।
पुरानी व्यवस्था में समस्याएँ
अगर पुरानी व्यवस्था से देखा जाए तो 10 लाख से ऊपर की सालाना आय पर कर सीमा घटाकर 25 फीसदी करने की मांग की जा रही है।
विशेषज्ञों के तर्क
कुछ विशेषज्ञों ने तर्क दिया है कि सरकार करों के मामलों में बाकी क्षेत्रों में लाभ देती आ रही है लेकिन व्यक्तिगत श्रेणी आयकर भरने वाले निम्न और मध्य आयवर्ग को कोई बड़ी राहत नहीं मिली है।
मौजूदा व्यवस्था की चुनौतियाँ
पुरानी व्यवस्था में रिटर्न भरते हैं तो 20 प्रतिशत के बाद सीधे 30 प्रतिशत टैक्स का स्लैब है, जो व्यवहारिक नहीं है। नई व्यवस्था से सात लाख से ऊपर की आय पर आयकर देना होता है, लेकिन यहां पर अगर सात लाख से ऊपर की सालाना आय है तो फिर छह से नौ लाख पर 10 प्रतिशत और नौ से 12 लाख तक की सालाना आय पर 15 प्रतिशत आयकर भरना होता है।
महंगाई और खर्च का असर
महंगाई के साथ लोगों के खर्च भी बढ़े हैं, जिस कारण से लोगों की बचत प्रभावित हुई है। इसलिए 10 लाख से ऊपर की आय वाले लोग आयकर में छूट चाहते हैं।