HDFC बैंक, भारत का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक, ने कुछ चयनित अवधियों के कर्ज पर MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) को संशोधित किया है। यह बदलाव 8 जुलाई 2024 से लागू हो गए हैं। इस संशोधन के बाद, सभी फ्लोटिंग रेट लोन जैसे होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की EMI में वृद्धि हो जाएगी, जिससे मौजूदा ग्राहकों को अधिक EMI चुकानी पड़ेगी।
नए MCLR दरें: आज से लागू 📅
HDFC बैंक की नई MCLR दरें इस प्रकार हैं:
- ओवरनाइट MCLR को 8.95% से बढ़ाकर 9.05% किया गया है।
- एक महीने का MCLR 9% से बढ़ाकर 9.10% किया गया है।
- तीन महीने का MCLR 9.15% से बढ़ाकर 9.20% किया गया है।
- छह महीने का MCLR 9.30% से बढ़ाकर 9.35% किया गया है।
- एक साल का MCLR 9.30% से बढ़ाकर 9.40% किया गया है, जो कई प्रकार के कर्ज पर लागू होता है।
- दो साल का MCLR 9.30% से बढ़ाकर 9.40% किया गया है।
- तीन साल का MCLR 9.35% से बढ़ाकर 9.40% किया गया है।
MCLR कैसे तय होती है? 📊
MCLR को कई कारकों के आधार पर तय किया जाता है, जिनमें जमा दर, संचालन लागत, रेपो दर और नकद रिजर्व अनुपात (CRR) शामिल हैं। रेपो दर में बदलाव MCLR दर को प्रभावित करता है और MCLR में बदलाव कर्ज की ब्याज दर को प्रभावित करता है, जिससे उधारकर्ताओं की EMI बढ़ जाती है।
EMI पर असर 🚗🏡💸
MCLR में वृद्धि का असर होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर होता है। जब MCLR बढ़ती है, तो कर्ज ग्राहकों को पहले से अधिक EMI चुकानी पड़ती है। नए कर्ज लेने वाले ग्राहकों को महंगा कर्ज मिलेगा। इस प्रकार, MCLR में बदलाव से सभी प्रकार के कर्ज की लागत बढ़ जाएगी, जिससे उधारकर्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।