इस साल के बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैपिटल गेन टैक्स के नियमों में कुछ बदलाव की घोषणा की थी, जिनसे प्रॉपर्टी बेचने पर अगर आपको ज्यादा मुनाफा होता है, तो आपको अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।
हालांकि, अभी ये नए नियम लागू नहीं हुए हैं, और संभावना है कि सरकार इन्हें एक-दो साल के लिए टाल भी सकती है। लेकिन, हमें यह जानना जरूरी है कि मौजूदा नियमों के तहत हम अपने कैपिटल गेन टैक्स में किस तरह से बचत कर सकते हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 54
अगर आप कोई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी बेचते हैं और उससे होने वाले मुनाफे (कैपिटल गेन) को तीन साल के अंदर किसी दूसरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं, तो आप टैक्स में छूट पा सकते हैं।
अगर आपका कैपिटल गेन 2 करोड़ रुपये से कम है, तो आप इस रकम को दो प्रॉपर्टी में भी निवेश कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि यह सुविधा आप जीवन में केवल एक बार ही ले सकते हैं। इसके साथ ही, नई खरीदी गई प्रॉपर्टी को तीन साल तक बेचना नहीं चाहिए, वरना छूट रद्द हो सकती है।
इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 54EC
अगर आपने जमीन या मकान बेचकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हासिल किया है, तो आप इस सेक्शन का फायदा उठा सकते हैं। इसके तहत आप 50 लाख रुपये तक की रकम को ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC), पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) या भारतीय रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) के बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं।
आपको जमीन या मकान बेचने के बाद 6 महीने के अंदर इन बॉन्ड्स में निवेश करना होगा। इन बॉन्ड्स का लॉक-इन पीरियड 5 साल का होता है और इन पर 5.25% का कूपन रेट मिलता है, जो टैक्सेबल होता है।
आयकर अधिनियम की धारा 54F
अगर आप अपनी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के अलावा कोई और प्रॉपर्टी बेचते हैं, तो इस धारा के तहत आप टैक्स बेनिफिट्स का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको प्रॉपर्टी बेचने से मिलने वाली पूरी राशि को किसी दूसरी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी में निवेश करना होगा।