भारतीय कार बाजार में त्योहार के मौसम आने से पहले पूरे बाजार में गाड़ियों की कीमतें कम हो सकती हैं और इस बार कोई सरकारी नियम नहीं बदले गए हैं जिसके वजह से यह दाम कम होगी बल्कि इस बार कारण खुद ऑटो कंपनियां हैं।
देश में लगातार बढ़ रहे गाड़ियों की मांग को देखते हुए कंपनियों ने खूब प्रोडक्शन गाड़ियों का किया। इतना ही नहीं कई बार बढ़ते हुए कास्टिंग को लेकर गाड़ी कंपनियों के तरफ से ऐलान किया गया कि वह गाड़ियों के दाम में कुछ प्रतिशत का इजाफा कर रही हैं।
देखते ही देखते हैं वहां कुछ सालों में हर गाड़ियों की कीमतें बेतहाशा बड़ी है। ₹300000 के रेंज में आने वाली मारुति अल्टो आज 4 लख रुपए की रेंज में बिक रही है। इस प्रकार कई एंट्री लेवल से लेकर बड़ी गाड़ियों सब में दम का भारी इजाफा हुआ है।
अब स्थिति ऐसी हो गई है कि कारों के बिक्री में गिरावट हुई है जिसके वजह से ऑटोमोबाइल कंपनियों और डॉलर दोनों संकट में खड़े हो गए हैं । कर कंपनियों के डीलर पॉइंट पर गाड़ियों का अच्छा खासा स्टॉक पड़ा हुआ है और कंपनियां प्रोडक्शन कट नहीं कर रही है जिसके वजह से गाड़ियों का वेटिंग पीरियड तो काम हो गया है लेकिन ओवर स्टॉकिंग की समस्या आ रही है।
इससे निपटने के लिए कंपनियां अपने कई गाड़ियों के कई मॉडल पर ते कीमतों में कटौती का विचार कर रही है ताकि स्टॉक को जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। आने वाले समय में बहुत जल यह उम्मीद की जा सकती है कि बेस मॉडल और ज्यादा बिकने वाले मॉडल के दामों में कटौती देखने को मिले।
हालांकि टॉप वैरियंट गाड़ियों में इसकी गुंजाइश थोड़ी कम है लेकिन बाकी अन्य मॉडल पर जल्द ही प्राइस के कमी का असर देखा जा सकता है।