रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने Canara Bank के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें बैंक ने अपनी क्रेडिट कार्ड बिजनेस को और बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट कार्ड सब्सिडियरी बनाने की अनुमति मांगी थी। वर्तमान में Canara Bank खुद ही क्रेडिट कार्ड जारी करता है, लेकिन बैंक ने इसके लिए एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस (NBFC) लाइसेंस की मांग की थी ताकि क्रेडिट कार्ड बिजनेस को एक अलग इकाई में संचालित किया जा सके।
SBI और BOB के पास पहले से ही है क्रेडिट कार्ड सब्सिडियरी
यह ध्यान देने वाली बात है कि State Bank of India (SBI) की पहले से ही एक अलग सब्सिडियरी है, SBI Cards and Payment Services, जो कि देश की प्रमुख क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कंपनियों में से एक है। इसी तरह, Bank of Baroda (BOB) की भी एक क्रेडिट कार्ड सब्सिडियरी, BOB Cards, है। लेकिन RBI ने अब Canara Bank को ऐसा करने की अनुमति नहीं दी है। जानकारों के अनुसार, “RBI अब शायद पब्लिक सेक्टर बैंकों को NBFC लाइसेंस देने के पक्ष में नहीं है।”
बढ़ती अनसिक्योर्ड लोन को लेकर चिंता
RBI का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अनसिक्योर्ड लोन, जैसे कि क्रेडिट कार्ड से जारी किए जाने वाले लोन, की तेज़ी से वृद्धि हो रही है। ऐसे लोन में किसी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं होती। इस प्रकार के लोन का जोखिम अधिक होता है, और शायद यही कारण है कि RBI ने Canara Bank के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
Canara Bank की तैयारी
बैंक के प्रबंध निदेशक K Satyanarayana Raju ने बताया था कि अलग सब्सिडियरी बनाकर बैंक अपने 11 करोड़ ग्राहकों के आधार का लाभ उठाकर क्रेडिट कार्ड बिजनेस पर खास ध्यान देना चाहता था। लेकिन अब इस प्रस्ताव के खारिज होने के बाद Canara Bank को अपने मौजूदा तरीकों से ही क्रेडिट कार्ड बिजनेस को बढ़ाना होगा।
Canara Bank का मौजूदा क्रेडिट कार्ड बिजनेस
Canara Bank के पास जून के अंत तक लगभग 9 लाख क्रेडिट कार्ड्स सर्कुलेशन में थे, जो कि पिछले साल की तुलना में 37% ज्यादा है। बैंक ने एक नई कंपनी बनाने का प्रस्ताव नहीं रखा था, बल्कि वह अपनी मौजूदा IT सेवाओं की सब्सिडियरी, Canbank Computer Services, को क्रेडिट कार्ड यूनिट में बदलने की योजना बना रहा था।