जब भी हम किसी के लोन गारंटर बनने का फैसला लेते हैं, तो यह एक गंभीर जिम्मेदारी होती है। हम इसे आमतौर पर दोस्ती या रिश्तेदारी में मदद के तौर पर देखते हैं, लेकिन इसके साथ जुड़े जोखिमों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। लोन गारंटर बनने का मतलब है कि आप उस लोन की जिम्मेदारी उठाते हैं और अगर लोनधारक ने समय पर लोन का भुगतान नहीं किया, तो आपसे वह भरपाई करने की उम्मीद की जाती है।
लोन गारंटर बनने के नुकसान:
- लोन की जिम्मेदारी: अगर लोनधारक समय पर लोन नहीं चुकाता या किसी कारणवश चुकाने में असमर्थ होता है, तो गारंटर के रूप में आप पर लोन चुकाने का भार आ जाएगा। बैंक सीधे आपसे लोन की भरपाई की मांग कर सकता है।
- क्रेडिट स्कोर पर असर: अगर लोनधारक लोन चुकाने में चूक करता है, तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ेगा। इससे आपके भविष्य के लोन लेने की संभावना कम हो सकती है और आपकी वित्तीय छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
- वित्तीय संकट: यदि लोन की राशि बड़ी है और आप गारंटर हैं, तो यह आपकी खुद की आर्थिक स्थिति को भी हिला सकता है। अचानक से आपको लोन की भरपाई करनी पड़ सकती है, जिससे आपका खुद का बजट गड़बड़ा सकता है।
- कानूनी जटिलताएँ: लोन चुकता न होने पर बैंक आपको कानूनी नोटिस भेज सकता है, जिससे आप कानूनी दांव-पेच में फंस सकते हैं।
लोन गारंटर से नाम वापस लेने की प्रक्रिया:
अगर आप किसी लोन के गारंटर बन गए हैं और अब अपना नाम वापस लेना चाहते हैं, तो आप यह कर सकते हैं। इसके लिए आपको और लोनधारक को बैंक में एक औपचारिक अनुरोध करना होगा। बैंक तभी आपको गारंटी से मुक्त करेगा जब लोनधारक एक नया गारंटर प्रस्तुत कर देगा।