देश के करोड़ों कार मालिकों के लिए राहत की खबर
सरकार स्क्रैप पॉलिसी में बदलाव की तैयारी में है, जिससे वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों को 15 साल बाद कबाड़ में भेजने की जरूरत नहीं होगी। नए नियम के तहत गाड़ियों की ‘उम्र’ के बजाय उनके द्वारा फैलाए जाने वाले प्रदूषण के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
प्रदूषण के आधार पर कबाड़ किया जाएगा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) के वार्षिक सम्मेलन में कहा कि सरकार वाहन उद्योग से प्रदूषण जांच के कार्यक्रम को ‘रिलायबल’ बनाने में मदद की अपील कर रही है। जैन ने कहा, “जब आप 15 साल पुराने वाहन को कबाड़ में बदलना अनिवार्य करते हैं, तो लोगों का सवाल वाजिब है कि अगर उन्होंने अपने वाहन का अच्छी तरह से रखरखाव किया है, तो उसे कबाड़ क्यों घोषित किया जाए।”
प्रदूषण जांच में सुधार की जरूरत
जैन ने आगे कहा, “सरकार इसके लिए एक नई नीति पर काम कर रही है। क्या हम BS-2 से पहले की गाड़ियों का जिक्र कर सकते हैं? हम उम्र की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि गाड़ियों से फैलने वाले प्रदूषण के आधार पर निर्णय लेंगे।” उन्होंने वाहन उद्योग से अपील की कि इस स्थिति में भी प्रदूषण जांच को ‘रिलायबल’ बनाया जाए।
वाहनों की खरीद पर छूट
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव ने कबाड़ घोषित किए गए पुराने वाहनों के बदले में नए वाहनों की खरीद पर तीन प्रतिशत तक की छूट देने के लिए वाहन उद्योग की सराहना भी की।