अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर ने भारत में अपनी वापसी की घोषणा की है। कंपनी ने अपने चेन्नई स्थित विनिर्माण संयंत्र को फिर से चालू करने की योजना बनाई है, जिसका मुख्य उद्देश्य निर्यात को बढ़ावा देना है। इस फैसले से 2,500 से 3,000 नए कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी, जो कंपनी के विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत के प्रति प्रतिबद्धता:
फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप की अध्यक्ष के हार्ट ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य “भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोबारा स्थापित करना है।” उन्होंने बताया कि कंपनी तमिलनाडु में उपलब्ध विनिर्माण विशेषज्ञता का उपयोग करके वैश्विक बाजारों के लिए उत्पादन करेगी। हार्ट ने लिंक्डइन पोस्ट के जरिए इस जानकारी को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने “निर्यात के उद्देश्य से विनिर्माण के लिए हमारे चेन्नई संयंत्र के उपयोग को लेकर तमिलनाडु सरकार को एक लेटर ऑफ इंटेंट सौंपा है।”
तमिलनाडु सरकार से साझेदारी:
इस घोषणा से पहले तमिलनाडु सरकार और फोर्ड के शीर्ष अधिकारियों के बीच कई दौर की चर्चा हुई थी। फोर्ड ने 2021 में भारत में अपने संचालन को बंद कर दिया था, जिसका मुख्य कारण था घरेलू बाजार में कम बिक्री और निरंतर नुकसान। हालांकि, अब फोर्ड तमिलनाडु के साथ अपनी तीन दशक पुरानी साझेदारी को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का बयान:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमने फोर्ड मोटर की टीम के साथ बहुत ही रोचक चर्चा की।” मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने गूगल, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के मुख्यालय का दौरा कर तमिलनाडु में निवेश को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
रोजगार और विस्तार:
फोर्ड के इस फैसले से चेन्नई में कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में इजाफा होगा। हार्ट ने बताया कि कंपनी की फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशन टीम में वर्तमान में 12,000 से अधिक कर्मचारी हैं और अगले कुछ वर्षों में इसमें 2,500 से 3,000 नए सदस्यों को जोड़ा जाएगा। फोर्ड की इंजन निर्माण टीम भी गुजरात के साणंद में स्थित है। अमेरिका के बाद फोर्ड के सबसे ज्यादा कर्मचारी भारत में हैं।