आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जेल से छूटने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार जनता के सामने आने का फैसला किया है। रविवार को जंतर-मंतर पर वह अपनी जनता की अदालत लगाने जा रहे हैं। इस आयोजन में दिल्लीभर के लोगों को बुलाया गया है, ताकि केजरीवाल सीधे जनता से संवाद कर सकें और अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकें।
केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के वक्त कहा था कि वह अपनी ईमानदारी साबित करने के लिए जनता के बीच जाएंगे। उन्होंने वादा किया था कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें वापस मुख्यमंत्री के रूप में नहीं चाहती, वह इस पद को दोबारा ग्रहण नहीं करेंगे। यह जनता की अदालत इसी दिशा में पहला कदम है।
जनता की अदालत: दिल्ली से शुरुआत
आप पार्टी के नेताओं के मुताबिक, जंतर-मंतर पर होने वाली यह अदालत इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल की पहली बड़ी सार्वजनिक सभा होगी। इसके बाद, दिल्ली की सभी विधानसभाओं में इसी तरह की जनता की अदालतें लगाई जाएंगी, जिसमें केजरीवाल खुद शामिल होंगे। यह पहल हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद शुरू होगी।
राजनीतिक इतिहास में नजीर
आप नेता दिलीप पांडेय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारतीय राजनीति में एक नजीर पेश की है। जनता के प्रति अपनी जवाबदेही दिखाते हुए उन्होंने एक नया अध्याय लिखा है।
इस आयोजन के जरिए आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली की जनता का पूर्ण समर्थन उन्हें मिलेगा और वे राजनीति में एक बार फिर नए जोश के साथ उतरेंगे।
अब सबकी निगाहें इस जनता की अदालत पर टिकी हैं, जहां केजरीवाल सीधे दिल्लीवासियों से बात करेंगे और उनकी राय जानेंगे।