भागलपुर में नए हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर हाल ही में महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। बिहार सरकार ने गोराडीह में प्रस्तावित हवाई अड्डे को रद्द करते हुए सुल्तानगंज और अकबरनगर में नए स्थलों का चयन किया है। यह निर्णय स्थानीय प्रशासन और नागरिक विमानन निदेशालय द्वारा किए गए भूमि निरीक्षण के बाद लिया गया है।
भूमि चयन की प्रक्रिया
भागलपुर के जिला प्रशासन ने पहले गोराडीह क्षेत्र में हवाई अड्डे के लिए जमीन का चयन किया था, लेकिन वहां की भूमि की मापी में यह पाया गया कि उपलब्ध जमीन एयरपोर्ट के निर्माण के लिए अपर्याप्त है। इसके बाद, प्रशासन ने सुल्तानगंज और अकबरनगर में 855 एकड़ और 833.5 एकड़ भूमि का प्रस्ताव भेजा है
सुल्तानगंज और अकबरनगर का महत्व
- सुल्तानगंज: यहाँ प्रस्तावित हवाई अड्डा अजगैबीनाथ धाम के निकट है, जो धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है। एयरपोर्ट बनने से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।
- अकबरनगर: यह क्षेत्र भी हवाई अड्डे के लिए उपयुक्त माना जा रहा है, हालांकि यहाँ बाढ़ की समस्या के कारण इसे चयन से बाहर रखा गया था
विकास की संभावनाएँ
नए एयरपोर्ट के निर्माण से भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों में कई प्रकार के विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा, बल्कि क्षेत्र की कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा।
फायदे
- पर्यटन में वृद्धि: सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ धाम से हर साल लाखों श्रद्धालु जल भरने आते हैं। एयरपोर्ट बनने से इन श्रद्धालुओं को यात्रा करने में आसानी होगी।
- औद्योगिक विकास: एयरपोर्ट बनने से औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी
आगे की प्रक्रिया
जिला प्रशासन ने सुल्तानगंज और अकबरनगर में नए स्थलों का नक्शा तैयार करना शुरू कर दिया है, जिसे नागरिक विमानन निदेशालय को भेजा जाएगा। इसके बाद, यदि प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी
.उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सुल्तानगंज में नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाया जाएगा, जो कि 4000 मीटर लंबा और 740 मीटर चौड़ा होगा
भागलपुर में नए एयरपोर्ट का निर्माण न केवल स्थानीय विकास को प्रोत्साहित करेगा बल्कि पूरे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।