साल 2025 का बजट खासतौर पर मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों पर केंद्रित हो सकता है। केंद्र सरकार New Tax Regime को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कई बड़े बदलावों पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, सरकार EPF (Employees Provident Fund) को सभी टैक्स स्लैब्स के लिए अनिवार्य करने और नई टैक्स छूट जोड़ने का ऐलान कर सकती है।
EPF को Mandatory बनाने का प्रस्ताव
EPF को न्यू टैक्स रिजीम में शामिल करने का प्रस्ताव चर्चा में है। अगर यह लागू होता है, तो EPF के माध्यम से हर कर्मचारी की बचत सुनिश्चित होगी।
- पुराने टैक्स रिजीम में EPF सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट में शामिल है।
- न्यू टैक्स रिजीम में इसे शामिल करने से टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त बचत का लाभ मिलेगा।
- अभी यह तय नहीं है कि इसे 80C के तहत ही जोड़ा जाएगा या अलग से नई छूट के रूप में पेश किया जाएगा।
New Tax Regime में संभावित बदलाव
New Tax Regime को साल 2020 में लॉन्च किया गया था। इसे सरल और बिना डिडक्शन के विकल्प के रूप में पेश किया गया था। हालांकि, टैक्सपेयर्स में इसको लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया रही है।
2025 के बजट में निम्न बदलावों की संभावना है:
- नई टैक्स छूट: टैक्सपेयर्स को बचत और खर्च दोनों में राहत देने की योजना।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि: ₹50,000 की छूट को और बढ़ाया जा सकता है।
- EPF और अन्य निवेश योजनाओं का जुड़ाव: ताकि रिटायरमेंट प्लानिंग सुनिश्चित हो सके।
मौजूदा New Tax Regime स्लैब
आय (Income) | टैक्स दर (Tax Rate) |
---|---|
₹0 से ₹3 लाख | शून्य (0%) |
₹3 लाख से ₹6 लाख | 5% |
₹6 लाख से ₹9 लाख | 10% |
₹9 लाख से ₹12 लाख | 15% |
₹12 लाख से ₹15 लाख | 20% |
₹15 लाख से अधिक | 30% |
- छूट की सीमा: 2023 में रिबेट की सीमा को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख किया गया था।
- नई स्लैब दरों में बदलाव और छूट का ऐलान संभव है।