दशकों से चले आ रहे इनकम टैक्स के पुराने नियम अब जल्द ही इतिहास बन सकते हैं। केंद्र सरकार ने इन नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। 7 फरवरी यानी आज शाम को केंद्रीय कैबिनेट इस नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दे सकती है। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे 10 फरवरी को लोकसभा में पेश करेंगी।
क्या बदल जाएगा?
नए इनकम टैक्स बिल के लागू होने के बाद टैक्स नियमों में शब्दावली में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। जो शब्द आप सालों से सुनते आ रहे हैं, वे अब आपको सुनने को नहीं मिलेंगे।
- एसेसमेंट ईयर (Assessment Year) की जगह अब टैक्स ईयर (Tax Year) का इस्तेमाल होगा।
- फाइनेंशियल ईयर और एसेसमेंट ईयर के बीच का फर्क अब खत्म किया जा सकता है, जिससे टैक्सपेयर्स को कंफ्यूजन से राहत मिलेगी।
टैक्सपेयर्स को मिलेगा तगड़ा फायदा
नए बिल के आने से सरकार को डिडक्शन (Deduction) और रिबेट (Rebate) जैसे प्रावधानों में बदलाव करने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में संशोधन नहीं करना पड़ेगा। अब ये बदलाव एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जरिए किए जा सकेंगे। इसका मतलब यह है कि सरकार जरूरत पड़ने पर तुरंत राहत देने के फैसले ले सकेगी और इसके लिए बजट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
आसान भाषा में होंगे टैक्स के नियम
सूत्रों के अनुसार, नए बिल में अंग्रेजों के जमाने के कई पुराने और कठिन शब्दों को हटाया जाएगा। इससे इनकम टैक्स के नियम आम आदमी के लिए समझना आसान हो जाएगा।
- पुराने इनकम टैक्स कानूनों में जटिल शब्द और कठिन भाषा का इस्तेमाल होता था, जिससे लोगों को नियम समझने में परेशानी होती थी।
- अब नियमों को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखा जाएगा, जिससे आम लोग भी इसे आसानी से समझ पाएंगे।

टैक्स विवाद होंगे कम, सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा
फाइनेंस सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने 6 फरवरी को बताया कि नए बिल में लंबे वाक्यों के इस्तेमाल से बचा गया है। इससे टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी और लोग नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित होंगे।
- टैक्स से जुड़े विवादों में कमी आएगी।
- इससे सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा।
- सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अभी टैक्स से जुड़े 2 करोड़ से ज्यादा मामले विवादित हैं, जिनमें 31 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं।
नए इनकम टैक्स बिल से क्या होगा असर?
| पुराने नियम | नए बदलाव |
|---|---|
| एसेसमेंट ईयर (Assessment Year) | टैक्स ईयर (Tax Year) |
| जटिल और कठिन भाषा | सरल और स्पष्ट भाषा |
| बजट में ही डिडक्शन/रिबेट के बदलाव | एग्जीक्यूटिव ऑर्डर से त्वरित बदलाव |
| टैक्स नियमों में अंग्रेजी के पुराने शब्द | आधुनिक, आसान शब्दों का इस्तेमाल |
| टैक्स विवादों की संख्या ज्यादा | विवाद कम, टैक्सपेयर्स के लिए सुविधा |
आगे क्या?
अब सबकी नजर केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी और फिर लोकसभा में पेश होने वाले इस बिल पर है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो आने वाले महीनों में टैक्स नियमों के इन बदलावों से आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है।
आपके लिए क्या मतलब है?
अगर आप टैक्स भरने में हमेशा रूल्स और टर्म्स से परेशान रहते थे, तो यह बदलाव आपके लिए खुशखबरी है। नए नियम आसान भाषा में होंगे और टैक्स संबंधी कामकाज भी पहले से सुविधाजनक हो जाएगा।




