उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने पराग डेयरी के एक कलेक्शन सेंटर पर छापेमारी कर केमिकल युक्त दूध बनाने का बड़ा खुलासा किया है। इस कार्रवाई के दौरान टीम ने सेंटर से व्हे पाउडर और सोर्बिटोल जैसे हानिकारक केमिकल भी बरामद किए, जिनका इस्तेमाल कर जहरीला दूध तैयार कर पराग को सप्लाई किया जा रहा था।
कब और कैसे हुआ एक्शन?
यह कार्रवाई बुलंदशहर के खानपुर क्षेत्र के गांव गुरावली में स्थित पराग के मिल्क कलेक्शन सेंटर पर की गई।
- फूड सेफ्टी विभाग के डीओ विनीत कुमार के नेतृत्व में देर रात छापेमारी की गई।
- कलेक्शन रजिस्टर में सिर्फ 60-65 लीटर दूध की खरीद दर्ज थी, जबकि मौके पर 125 लीटर दूध पाया गया।
- अतिरिक्त दूध के बारे में पूछने पर सेंटर संचालक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।
शक जताया जा रहा है कि अतिरिक्त दूध केमिकल मिलाकर तैयार किया गया था। टीम ने दूध के सैंपल जांच के लिए लैब में भेज दिए हैं।

पराग में मिलावटी दूध की खपत का संदेह
पराग डेयरी एक सरकारी निगरानी वाली सहकारी संस्था है, जहां दूध की खरीद टेस्टिंग प्रक्रिया के बाद ही होती है।
- हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पराग के कई कलेक्शन सेंटर्स पर मिलावटी दूध बनाने का गोरखधंधा चल रहा है।
- यह सब पराग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।
- पराग दूध खरीदकर दही, घी, छाछ और दूध जैसे उत्पाद तैयार कर बाजार में बेचती है।
जांच में सहयोग नहीं कर रहा पराग प्रबंधन
फूड सेफ्टी विभाग के डीओ विनीत कुमार ने बताया कि कार्रवाई के बाद पराग प्रबंधन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
- विभाग की टीम जब पराग प्लांट गई तो वहां के रजिस्टर और क्वालिटी कंट्रोल से जुड़ी जानकारी देने से इनकार कर दिया गया।
- डीओ ने चेतावनी दी है कि अगर पराग का स्थानीय प्रबंधन सहयोग नहीं करता तो इसकी शिकायत लखनऊ मुख्यालय में की जाएगी।
घर में चल रहा था मिल्क कलेक्शन सेंटर
खास बात यह है कि पराग का कलेक्शन सेंटर घर के अंदर ही चल रहा था।
- जानकारी के अनुसार, किचन में महिलाएं सोर्बिटोल और व्हे पाउडर से मिलावटी दूध तैयार कर रही थीं।
- फूड सेफ्टी विभाग की टीम ने कलेक्शन सेंटर के संचालक के भाई को गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले कर दिया है।
आगे क्या?
जांच टीम पराग से विस्तृत जानकारी मांग रही है। अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि पराग के कलेक्शन सेंटर से केमिकल युक्त मिलावटी दूध तैयार कर सप्लाई किया जा रहा था।
अगर इस मामले में पराग के अधिकारियों की मिलीभगत पाई गई तो बड़ी कार्रवाई हो सकती है।




