एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी तेजी से रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में अपना विस्तार कर रही है। पिछले वर्ष शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद से, यह कंपनी भारत सरकार के अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में अहम भूमिका निभा रही है। अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए, कंपनी निरंतर अधिग्रहण और नई परियोजनाओं पर काम कर रही है।
आयाना रिन्यूएबल पावर के अधिग्रहण को मिली मंजूरी
बुधवार को एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने घोषणा की कि उसने रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में काम कर रही आयाना रिन्यूएबल पावर को खरीदने के सौदे को मंजूरी दे दी है। यह अधिग्रहण कंपनी को देश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा।
230 करोड़ डॉलर का सौदा
- ओएनजीसी (ONGC) और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) ने अपने 50-50% के संयुक्त उपक्रम ओएनजीसी-एनटीपीसी ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड (ONGPL) के माध्यम से आयाना रिन्यूएबल पावर को 230 करोड़ डॉलर (लगभग 19,500 करोड़ रुपये) में खरीदने का फैसला किया है।
- एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया है कि ONGPL आयाना रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड की 100% हिस्सेदारी खरीदेगी।

आयाना रिन्यूएबल पावर: एक प्रमुख खिलाड़ी
- एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के अनुसार, आयाना रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर की एक बड़ी कंपनी है।
- इसके पास लगभग 4.1 गीगावाट की ऑपरेशनल और निर्माणाधीन क्षमताएं हैं।
- इनमें से 1 गीगावाट की परियोजनाएँ पाइपलाइन में हैं।
- आयाना का पोर्टफोलियो रणनीतिक रूप से संसाधन-संपन्न राज्यों में स्थित है।
- कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट्स SECI, NTPC, GUVNL, भारतीय रेलवे जैसे उच्च क्रेडिट रेटेड ऑफ-टेकर्स के साथ हैं।
ओएनजीपीएल के लिए मील का पत्थर
- इस सौदे को ओएनजीपीएल के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
- नवंबर 2022 में कंपनी की स्थापना के बाद यह ओएनजीपीएल का पहला रणनीतिक अधिग्रहण है।
- इस अधिग्रहण से ओएनजीसी और एनटीपीसी को क्रमशः 2038 और 2050 तक नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने में बड़ी मदद मिलेगी।
देश के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों में योगदान
- भारत सरकार ने 2030 तक 500 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
- साथ ही, 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- इन दोनों लक्ष्यों को हासिल करने के लिहाज से यह सौदा बेहद अहम है।
NTPCGREE के टारगेट को लेकर एक्सपर्ट्स ने 150 रुपये दिए हैं जो की मौजूदा क़ीमत 107 रुपये से लगभग डेढ़ गुना हैं। इस सेक्टर में स्टॉक का मुक़ाबला सुजलॉन समेत कई कंपनियों से हैं.




