भारत के एविएशन सेक्टर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सस्ती हवाई सेवाएं देने वाली फ्लाईदुबई (FlyDubai) भारत में कदम रखने के लिए बिजी बी एयरवेज (Busy Bee Airways) के साथ साझेदारी के विकल्प तलाश रही है। खास बात ये है कि बिजी बी एयरवेज, दिवालिया हो चुकी गो फर्स्ट (Go First) को खरीदने के लिए लेंडर्स से बातचीत कर रही है।
गो फर्स्ट की डील क्यों अहम?
सूत्रों के मुताबिक, बिजी बी एयरवेज गो फर्स्ट के ट्रेडमार्क, फ्लाइंग लाइसेंस और एयरपोर्ट स्लॉट्स हासिल करने के लिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) से बात कर रही है। दिलचस्प बात यह है कि बोली लगाने वालों की दिलचस्पी गो फर्स्ट के विमानों में नहीं, बल्कि उसके ब्रांड में है।
बिजी बी ने इससे पहले भी मार्च 2024 में गो फर्स्ट के लिए बोली लगाई थी और अब एक बार फिर यह कंपनी इस डील को लेकर गंभीर दिख रही है।

क्या फ्लाईदुबई भारत में एयरलाइन शुरू कर सकती है?
फ्लाईदुबई, जो दुबई एविएशन कॉरपोरेशन की सब्सिडरी है, बिजी बी के साथ मिलकर भारत में गो फर्स्ट ब्रांड के तहत नई घरेलू एयरलाइन शुरू करने की योजना बना रही है।
अब सवाल उठता है कि क्या भारतीय कानून इसके लिए अनुमति देता है?
भारत की FDI (Foreign Direct Investment) पॉलिसी के अनुसार,
✅ 100% विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी शेड्यूल्ड एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और डोमेस्टिक पैसेंजर एयरलाइंस में दी जाती है।
✅ 40% तक निवेश ऑटोमैटिक रूट से संभव है, लेकिन 49% से अधिक निवेश के लिए सरकारी मंजूरी जरूरी होगी।
✅ NRI (Non-Resident Indian) इन्वेस्टर्स के लिए 100% FDI ऑटोमैटिक रूट से संभव है।
बिजी बी का 1,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव!
सूत्रों के मुताबिक, बिजी बी ने गो फर्स्ट के ट्रेडमार्क और लाइसेंस के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा है।
- गो फर्स्ट ने मई 2023 में दिवालिया घोषित किया था।
- जनवरी 2025 में NCLT ने इसे लिक्विडेट करने का आदेश दिया।
- कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने इसे लिक्विडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
- फिलहाल इसके पास कोई ऑपरेशनल विमान नहीं है।
पहले भी हो चुकी हैं कोशिशें
गो फर्स्ट को खरीदने की यह पहली कोशिश नहीं है। इससे पहले, EaseMyTrip के पूर्व सीईओ निशांत पिट्टी ने भी इसे ट्रैक पर लाने के लिए 1,600 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा था, जिसे बाद में 1,800 करोड़ रुपये कर दिया गया।
अब, बिजी बी एयरवेज ने NCLAT (National Company Law Appellate Tribunal) से गो फर्स्ट के लिए बोली लगाने की अनुमति मांगी है। इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।
क्या होगा असर?
अगर यह डील फाइनल हो जाती है, तो भारत में
✈️ एक नई बजट एयरलाइन की एंट्री हो सकती है।
💰 हवाई किरायों में कमी आने की संभावना है।
🚀 गो फर्स्ट ब्रांड एक बार फिर उड़ान भर सकता है।





