भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने Scient Capital और DGS Capital Management के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए नए क्लाइंट जोड़ने और मौजूदा ग्राहकों से अतिरिक्त फंड स्वीकार करने पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि दोनों कंपनियां पोर्टफोलियो मैनेजर्स के लिए अनिवार्य न्यूनतम नेटवर्थ मानदंडों को पूरा करने में विफल रही थीं।
क्यों हुई कार्रवाई?
SEBI के नियमों के मुताबिक, हर पोर्टफोलियो मैनेजर को कम से कम ₹5 करोड़ की नेटवर्थ बनाए रखनी होती है, लेकिन Scient Capital और DGS Capital Management इस शर्त को पूरा नहीं कर सकीं। SEBI ने अपनी जांच में पाया कि ये कंपनियां नियामकीय आवश्यकताओं का उल्लंघन कर रही थीं और गलत जानकारी भी दे रही थीं।
SEBI के गंभीर आरोप
✅ Scient Capital
- वित्त वर्ष 2023 (FY23) और वित्त वर्ष 2024 (FY24) के दौरान गलत और भ्रामक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की।
- कंपनी की नेटवर्थ नियामकीय मानकों को पूरा नहीं कर रही थी, फिर भी गलत डेटा दिया गया।
- इसके प्रमुख अधिकारी (Principal Officer) के पास सितंबर 2023 से आवश्यक NISM प्रमाणपत्र नहीं था।

✅ DGS Capital Management
- कंपनी ने नेटवर्थ सर्टिफिकेशन, कॉर्पोरेट गवर्नेंस रिपोर्ट और पोर्टफोलियो मैनेजर्स रेगुलेशन अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं की।
- प्रमुख अधिकारी 7 सितंबर 2023 से 13 अक्टूबर 2024 तक जरूरी NISM प्रमाणपत्र नहीं रखता था।
- SEBI के अनुसार, यह लापरवाही निवेशकों के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकती थी।
निवेशकों के पैसे पर खतरा
SEBI की रिपोर्ट के अनुसार, Scient Capital के पास दिसंबर 2024 तक ₹66.8 करोड़ का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) था, जबकि DGS Capital का AUM जनवरी 2023 में ₹99.12 करोड़ से बढ़कर दिसंबर 2024 में ₹201.03 करोड़ हो गया था। कंपनियों के पास निवेशकों के करोड़ों रुपये थे, लेकिन उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर थी, जिससे निवेशकों की पूंजी को जोखिम हो सकता था।
SEBI के नए निर्देश
- 15 दिनों के अंदर दोनों कंपनियों को अपनी न्यूनतम नेटवर्थ ₹5 करोड़ तक लानी होगी।
- जब तक नियामकीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जाता, तब तक नए ग्राहक नहीं जोड़े जाएंगे और मौजूदा ग्राहकों से कोई अतिरिक्त फंड नहीं लिया जाएगा।
🔹 SEBI ने Scient Capital और DGS Capital पर कार्रवाई की और फंड एक्सेप्ट करने से रोका।
🔹 ₹5 करोड़ की अनिवार्य नेटवर्थ शर्त पूरी नहीं कर सकीं कंपनियां।
🔹 गलत रिपोर्टिंग और नियमों की अनदेखी से निवेशकों के पैसे पर बढ़ा खतरा।
🔹 15 दिनों के भीतर सुधार करने के लिए SEBI ने कंपनियों को निर्देश दिया।
📢 निवेश की सलाह: अगर आपने इन कंपनियों में निवेश किया है या इनसे जुड़े हैं, तो रिस्क को समझें और आगे की रणनीति बनाएं। किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।




