अगर आपके पास 50 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा और ITR फाइल करने की भी जरूरत नहीं होगी, लेकिन इसका फायदा तभी मिलेगा जब आपकी पूरी कमाई सिर्फ FD के ब्याज से हो और वह 4 लाख रुपये से ज्यादा न हो। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
कैसे मिलेगा टैक्स में छूट?
सरकार ने नई टैक्स रिजीम में 4 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स-फ्री रखा है। इसका मतलब यह है कि अगर आपकी पूरी कमाई सिर्फ बैंक के ब्याज से हो और वह 4 लाख से कम हो, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
उदाहरण से समझते हैं:
- मान लीजिए कि आपने 50 लाख रुपये की FD किसी बैंक में करवाई।
- बैंक आपको 7.75% ब्याज दर दे रहा है।
- सालभर में आपको ₹3,87,500 ब्याज मिलेगा।
- यह 4 लाख रुपये से कम है, इसलिए आपको कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
TDS कटौती से कैसे बचें?
अब सवाल आता है TDS (Tax Deducted at Source) कटौती का। जब भी बैंक आपको ब्याज देता है, तो वह सरकार के नियमों के अनुसार पहले से ही कुछ टैक्स (TDS) काट सकता है। लेकिन अगर आपकी पूरी कमाई सिर्फ FD के ब्याज से है और 4 लाख रुपये से कम है, तो आप बैंक में एक फॉर्म जमा कर सकते हैं, जिससे बैंक TDS नहीं काटेगा।

TDS से बचने के लिए क्या करना होगा?
- सीनियर सिटीजन (60 साल से अधिक) के लिए Form 15H भरना होगा।
- 60 साल से कम उम्र के लोगों को Form 15G जमा करना होगा।
- यह फॉर्म हर साल 1 अप्रैल से पहले बैंक में जमा कर दें, ताकि बैंक आपके ब्याज पर TDS न काटे।
TDS के नए नियम क्या हैं?
सरकार ने TDS की लिमिट बढ़ा दी है, जिससे सीनियर सिटीजन और आम लोगों को फायदा होगा।
| व्यक्ति का प्रकार | ब्याज पर TDS कटेगा अगर… |
|---|---|
| 60 साल से कम उम्र के लोग | ब्याज ₹50,000 से ज्यादा हो |
| सीनियर सिटीजन (60 साल से अधिक) | ब्याज ₹1,00,000 से ज्यादा हो |
मतलब, अगर सीनियर सिटीजन का ब्याज 1 लाख रुपये तक और अन्य लोगों का 50,000 रुपये तक है, तो बैंक TDS नहीं काटेगा।





