आइजीआइ एयरपोर्ट पर इस वर्ष अब तक यात्रियों के बैग से कारतूस बरामदगी के 13 मामले सामने आ चुके हैं। ज्यादातर मामले में यात्रियों को पता ही नहीं था कि उनके बैग में कारतूस है। कई के पास हथियार के लाइसेंस भी थे। लेकिन, विमान सुरक्षा के तहत बनाए गए नियम के कारण उन यात्रियों को ना केवल उन्हें हवाई यात्रा से वंचित किया गया। बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया। ऐसी घटना ना हो इसके लिए आइजीआइ एयरपोर्ट के डीसीपी राजीव रंजन ने टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश से पहले हवाई यात्रियों को अपने बैग की अच्छी तरह जांच करने की अपील की है। ताकि फजीहत से बचा जा सके।
पुलिस ने की बैग जांच कर टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश की अपील
डीसीपी राजीव रंजन ने बताया कि पांच फरवरी को गुरुग्राम निवासी मोहर सिंह यादव हवाई यात्रा के लिए एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पहुंचे थे। उनका इंडिगो की उड़ान से मालदीव का टिकट बना हुआ था। सुरक्षा जांच के दौरान सुरक्षा कर्मियों ने उनके बैग से 11 कारतूस बरामद किए थे। 65 वर्षीय यात्री एक सेवानिवृत्त मुख्य लोक अभियोजक और हरियाणा के वकील हैं। पुलिस ने छानबीन में पाया कि उनके पास हथियार का लाइसेंस है। लेकिन वह केवल हरियाणा राज्य के लिए जारी किया गया है। लिहाजा यात्रा रद कर उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
एयरपोर्ट पर अब तक आ चुके हैं कारतूस बरामदगी के 13 मामले
अन्य मामले में कारतूस मिलने पर एयरपोर्ट पुलिस ने हरियाणा के सिरसा निवासी महिला पूनम वर्मा को गिरफ्तार किया था। वह नोएडा स्थित एक आईटी कंपनी में काम करती हैं। पूनम गोवा की हवाई यात्रा के लिए टर्मिनल-3 पहुंची थीं। कारतूस उनके बैग में कैसे आया इसके बारे में वह कुछ भी नहीं बता सकीं। लिहाजा उन्हें भी पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
आर्म्स एक्ट के तहत 66 यात्रियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
इस वर्ष अब तक एयरपोर्ट पर ऐसे 13 मामले आए हैं। जबकि गत वर्ष आर्म्स एक्ट के तहत 66 यात्रियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट पर हथियार इत्यादि मिलने पर हवाई यात्रा रद कर यात्री के खिलाफ गैर जमानती धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाती है। थोड़ी सी लापरवाही की वजह से उन्हें परिवार के सदस्य और सह-यात्रियों के सामने अजीब स्थिति का सामना करना पड़ता है।