शेयर बाजार में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही। Nifty 50 इंडेक्स 26 सितंबर 2024 से अब तक 14% गिर चुका है। फरवरी का महीना लगातार पाँचवाँ महीना रहा जब बाज़ार ने निगेटिव रिटर्न दिया, जो 1996 के बाद सबसे खराब स्थिति है। खासकर, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है। ये दोनों इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर से 20% से ज्यादा गिर चुके हैं, जिससे इनका बाजार अब “बियर जोन” में आ चुका है।
अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
1. गिरावट जारी रहेगी या अब खरीदारी का मौका है?
विशेषज्ञों के अनुसार, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों की वैल्यू बहुत ज्यादा बढ़ गई थी, जो अब धीरे-धीरे नीचे आ रही है।
➡ मिड-कैप कंपनियों का मुनाफा पिछले 5 साल में 14% बढ़ा, लेकिन उनके शेयर 28% ऊपर चले गए थे।
➡ स्मॉल-कैप कंपनियों की ग्रोथ 21% थी, लेकिन शेयर 27% चढ़ गए थे।
अब जब कमाई धीमी हुई है, तो स्टॉक्स की कीमतें भी गिर रही हैं।

2. अभी और गिरावट बाकी है?
शेयरों के दाम अब भी महंगे बने हुए हैं, खासकर मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में।
🔹 Nifty 50 का PE रेशियो 19.67 है, जो 5 साल के औसत 25 से नीचे आ चुका है।
🔹 मिड-कैप का PE 45 से गिरकर 33 आ गया, लेकिन फिर भी प्रीमियम में है।
🔹 स्मॉल-कैप का PE 35 से गिरकर 26 हुआ, लेकिन अभी भी महंगा बना हुआ है।
मतलब यह कि बाजार में अभी और गिरावट हो सकती है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में जो तेज़ बढ़त हुई थी, उसकी सही कीमत तय हो रही है।
3. इतिहास क्या कहता है?
📉 मिड और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में ऐसी गिरावट पहले भी कई बार आई है।
➡ 2004 से अब तक, मिड-कैप इंडेक्स अपने उच्चतम स्तर से 10% नीचे 49% समय तक रहा।
➡ स्मॉल-कैप इंडेक्स 10% से ज्यादा गिरावट में 64% समय रहा।
➡ 30% से ज्यादा गिरावट हर 8-10 साल में एक बार होती ही है।
💡 लेकिन लंबी अवधि में ये बाजार रिकवर हो जाते हैं, बस थोड़ा समय लगता है।
4. लिक्विडिटी यानी नकदी संकट बढ़ सकता है!
मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में जब तेजी होती है, तब उनमें पैसा आसानी से आता है। लेकिन जब बाजार गिरता है, तो इन शेयरों को बेचना मुश्किल हो जाता है।
🔸 ट्रेडिंग वॉल्यूम गिर रहे हैं, जिससे निवेशक चाहकर भी अपने स्टॉक्स नहीं बेच पा रहे।
🔸 स्मॉल-कैप फंड्स में निवेश धीमा पड़ गया है, जिससे नकदी संकट बढ़ सकता है।
🔸 SEBI पहले ही मिड और स्मॉल-कैप फंड्स के लिए हर महीने ‘स्ट्रेस टेस्ट’ अनिवार्य कर चुका है ताकि लिक्विडिटी की स्थिति देखी जा सके।
5. अब निवेशकों को क्या करना चाहिए?
✔ बड़ा नुकसान न हो, इसके लिए बैलेंस बनाएं:
➡ अगर आपने मिड और स्मॉल-कैप में ज़्यादा पैसा लगाया है, तो इसे 30-40% तक सीमित करें।
➡ बड़े स्टॉक्स (Large Cap) में निवेश बढ़ाएं, क्योंकि जब मिड और स्मॉल-कैप गिरते हैं, तब Nifty 100 और Sensex ज़्यादा स्थिर रहते हैं।
✔ शॉर्ट टर्म के लिए निवेश ना करें:
➡ अगर 3-5 साल में पैसा चाहिए, तो अभी स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में नई एंट्री न लें।
➡ 8+ साल की लंबी अवधि के लिए SIP करते रहना बेहतर रहेगा।
✔ SIP निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं:
➡ लंबी अवधि के SIP निवेश हमेशा फायदेमंद रहे हैं।
➡ अगर SIP का रिटर्न निगेटिव दिखे, तो घबराकर बेचना न करें। पहले भी ऐसा हुआ है, लेकिन कुछ सालों बाद अच्छा मुनाफा मिला है।
6. क्या करना सही रहेगा?
✅ बड़ी कंपनियों (Large Cap) में पैसा लगाएं।
✅ Flexi-Cap या Multi-Cap फंड्स को प्राथमिकता दें।
✅ मिड और स्मॉल-कैप को 30-40% से ज्यादा न बढ़ाएं।
✅ अगर बाजार में घबराहट बढ़ती है, तो जल्दबाजी में स्टॉक्स न बेचें।
7. क्या न करें?
❌ सोशल मीडिया पर मिले टिप्स से शेयर खरीदना।
❌ सिर्फ पिछले 1-2 साल के रिटर्न देखकर निवेश करना।
❌ ज्यादा गिरावट के डर से नुकसान में शेयर बेचना।
❌ छोटी अवधि (1-3 साल) के लिए स्मॉल और मिड-कैप फंड्स में पैसा लगाना।
अभी बाजार में गिरावट का दौर चल रहा है, लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं रहेगा।
अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो चिंता की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आपका पैसा सिर्फ 2-3 साल के लिए लगा हुआ है, तो आपको अपने पोर्टफोलियो को थोड़ा संभलकर देखना चाहिए।





