कुवैत में अवैध तरीके से रहने और काम करने वाले प्रवासियों के खिलाफ जांच अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों के द्वारा कहा गया है कि किसी भी इलाके में अगर इस तरह के आरोपी की जानकारी मिलती है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है।

अलग-अलग इलाकों में आंतरिक मंत्रालय के अधिकारियों के द्वारा की जाती है जांच
बता चलें कि अलग-अलग इलाकों में आंतरिक मंत्रालय के अधिकारियों के जांच की जाती है। इन इलाकों में गलत तरीके से रहने वाले प्रवासी को गिरफ्तार कर उन्हें डिपोर्ट भी किया जाता है। प्रवासियों को अच्छी तरह से रिपोर्ट किया जा सके इसके लिए डिजिटल सिस्टम की भी मदद ली जा रही है। डिजिटल मदद के साथ ही डेपुटेशन मामलों में पारदर्शिता आ रही है। कुवैत से हर महीने करीब 3 हज़ार प्रवासियों को डिपोर्ट किया जाता है।
अधिकारियों के द्वारा कहा गया है कि अगर इस स्पॉन्सर और कामगार अपने डिपार्टेशन के खर्च को उठाने में सक्षम नहीं है तो उसकी व्यवस्था आंतरिक मंत्रालय के द्वारा की जाती है। यह भी कहा गया है कि इस दौरान ह्यूमन राइट्स को देखते हुए सुनिश्चित किया जाता है कि डिपोर्ट किए जाने वाले प्रवासी के साथ किसी तरह का गलत व्यवहार न हो।





