देश की पहली बुलेट ट्रेन के निर्माण में एक बड़ी सफलता मिली है। मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल परियोजना (MAHSR) के तहत 300 किलोमीटर वायाडक्ट (उपरी पुल मार्ग) का निर्माण पूरा हो चुका है।
इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 20 मई को X (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो क्लिप के जरिए दी।
🔧 क्या होता है वायाडक्ट?
बुलेट ट्रेन को ज्यादा रफ्तार से चलाने, जमीन अधिग्रहण की समस्या को कम करने और क्रॉसिंग से बचाने के लिए यह पूरा ट्रैक ऊंचाई पर बनाए गए वायाडक्ट (viaduct) पर तैयार किया जा रहा है। यह बड़े कंक्रीट गिर्डर और सपोर्ट से बनाए जाते हैं।

🇮🇳 भारत में पहली बार “J-Slab” ट्रैक तकनीक
इस प्रोजेक्ट में जापान की Shinkansen तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। J-slab ballastless ट्रैक पहली बार सूरत में बिछाया गया है। यह एक बेहद मजबूत और स्पीड के लिए आदर्श तकनीक मानी जाती है।
🏞 नदियों पर भी हुआ काम
गुजरात की 6 प्रमुख नदियों – पार, पूर्णा, मिंढोला, अम्बिका, औरंगा और वेंगानिया – पर वायाडक्ट तैयार किया जा चुका है। ये नदियाँ नवसारी और वलसाड जिलों में स्थित हैं।
🏗 अन्य निर्माण भी प्रगति पर
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350 मीटर लंबी पहाड़ी सुरंग वलसाड में पूरी हो चुकी है।
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70 मीटर लंबा पहला स्टील ब्रिज सूरत में बनकर तैयार है।
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कई सेक्शनों में नॉइस बैरियर भी लगाए जा रहे हैं।
🇯🇵 कब रखी गई थी आधारशिला?
इस प्रोजेक्ट की नींव 14 सितंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रखी थी।
📊 बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की मुख्य जानकारी – एक नजर में
| श्रेणी | जानकारी |
|---|---|
| प्रोजेक्ट का नाम | मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR) |
| कुल दूरी | लगभग 508 किलोमीटर |
| अब तक तैयार वायाडक्ट | 300 किलोमीटर |
| वायाडक्ट टेक्नोलॉजी | सेगमेंटल और फुल-स्पैन बॉक्स गिर्डर |
| ट्रैक तकनीक | J-Slab बैलेस्टलेस (जापानी शिंकानसेन टेक्नोलॉजी) |
| पहली सुरंग | वलसाड में 350 मीटर |
| पहला स्टील ब्रिज | सूरत में 70 मीटर लंबा |
| नींव रखी गई | 14 सितंबर 2017 |
| प्रमुख नदियाँ | पार, पूर्णा, मिंढोला, अम्बिका, औरंगा, वेंगानिया |
| निगरानी संस्था | नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) |




