पिछले कुछ हफ्तों से राजकुमारी हेंद अल कासिमी, जो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शाही परिवार से ताल्लुक रखती हैं, अपनी सोशल मीडिया टाइमलाइन पर यूएई में काम करने वाले भारतीय नागरिकों द्वारा की गई घृ’णित और इस्ला’मोफोबि’क टिप्पणियों को खिलाफ कड़ी नारा’जगी जाहीर कर रही है।
इस मामले में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने भारतीय नागरिकों से कहा कि “भे’दभा’व हमारे नैतिकता के खि’लाफ है और कानून का शासन है” और अमीरात में भारतीयों को यह याद रखना चाहिए। इस बारे में न्यूज 18 ने प्रिंसेस हेंद से विशेष रूप से बात की और टिप्पणियों पर नाराज़ और क्रोध जताया। उन्होंने कहा कि इमरती-भारत का संबंध सदियों पुराना है, लेकिन यह नया है, हमने भारतीयों से कभी घृ’णा का अनुभव नहीं किया है।
I miss the peaceful India.
— Hend F Q (@LadyVelvet_HFQ) May 4, 2020
उन्होने कहा, “मैंने पहले कभी किसी भारतीय को अरब या मुसलमान के बारे में नहीं सुना था लेकिन अब मैंने सिर्फ एक व्यक्ति को रिपोर्ट किया है लेकिन आप देख सकते हैं कि मेरी टाईमलाइन अरबों, मुसलमानों का अ’पमा’न करने वाले लोगों से भरी है। इसमे ज़्यादातर भारतीय है। ”
बता दें कि यूएई में लगभग साढ़े तीन मिलियन भारतीय रहते हैं जो दूतावास की वेबसाइट के अनुसार लगभग 30 प्रतिशत आबादी है। यह भारतीयों को वहां का सबसे बड़ा जातीय समुदाय बनाता है।
I refuse to be quiet in the midst of this war. The oppression against the Muslims, Christians and other minorities in India must stop.
I am surprised it was allowed to start and thrive openly like this and I hope it will be halted.https://t.co/DnGmZi3BJr— Hend F Q (@LadyVelvet_HFQ) May 4, 2020
राजकुमारी ने कहा, “अगर मैं सार्वजनिक रूप से कहूं कि भारतीय हिंदुओं को अमीरात में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, तो भारतीयों को कैसा लगेगा? पिछले साल – 14 बिलियन डॉलर के करीब अमीरात से भारत भेजे गए है। कल्पना कीजिए कि अगर इसे रोक दिया जाए? भारतीय इस देश में बहुत मेहनत करते हैं और मुझे नहीं लगता कि वे ऐसे लोगों के लायक हैं जो उन्हें इस तरह गलत बताते हैं।“
उन्होने कहा, वह एक राजनीतिक व्यक्ति नहीं है और इसलिए उसने अपनी चिंताओं के बारे में भारत सरकार से संपर्क नहीं किया है। लेकिन उन्होने खुलासा किया कि वह यूएई के पूर्व भारतीय राजदूत नवदीप सूरी के संपर्क में थी, जिन्होंने चिंता व्यक्त की और उन्हे बताया कि उनका संदेश “स्पष्ट” तौर से निकल गया है। उन्होने कहा कि उसके देश में अ’भद्र भाषा गैरकानूनी है और वह न’फरत को रोकने के लिए अपनी आवाज उठाना जारी रखेगी, क्योंकि “वह सिर्फ भारत की दोस्त है।”
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