24 मई को केरल तट के पास अरब सागर में लाइबेरियाई ध्वजधारी एक मालवाहक जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के बाद जहाज पर लदे कई कंटेनर समुद्र में गिर गए, जिनमें से कुछ खतरनाक पदार्थों से भरे हुए बताए जा रहे हैं।
यह जहाज थूथुकुडी की ओर जा रहा था।
रिपोर्टों के अनुसार, यह दुर्घटना दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के कारण समुद्र में उत्पन्न हुई उथल-पुथल के चलते हुई। जहाज को शनिवार रात 10 बजे तक कोच्चि पहुंचना था, लेकिन फिलहाल यह केरल तट के पास समुद्र में झुका हुआ दिखाई दे रहा है। इस जहाज पर 22 से 24 चालक दल के सदस्य सवार थे। भारतीय नौसेना ने बताया कि उनमें से 9 सदस्य लाइफ जैकेट की मदद से जहाज छोड़ने में सफल रहे।
कैसे हुआ हादसा?
एमएससी ईएलएसए-3 नामक यह जहाज विझिंजम बंदरगाह से रवाना हुआ था और कोच्चि से लगभग 38 मील दूर समुद्र में झुकने की सूचना दी गई। इसके बाद जहाज से तत्काल सहायता की मांग की गई थी।
राहत और बचाव कार्य जारी
भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। जहाज पर सवार 24 में से 9 चालक दल के सदस्य लाइफबोट्स के माध्यम से सुरक्षित निकल गए हैं, जबकि बाकी 15 सदस्यों के लिए बचाव कार्य चल रहा है।
ICG के विमानों ने जहाज के निकट अतिरिक्त जीवनरक्षक नौकाएं भी उतारी हैं। डीजी शिपिंग ने जहाज के प्रबंधकों को तत्काल बचाव सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
पर्यावरण को लेकर चिंता
भारतीय तटरक्षक बल इस पूरी विकासशील स्थिति की निगरानी कर रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की जान-माल की हानि या पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सके। जहाज से गिरे कंटेनरों में खतरनाक रसायनों या ज्वलनशील पदार्थों की मौजूदगी की आशंका है, जिससे समुद्री जीवन और तटीय क्षेत्रों को खतरा हो सकता है।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने केरल के समुद्र तट की ओर खतरनाक माल और तेल के आने का पता चलने के बाद हाई अलर्ट जारी किया है। तटरक्षक बल द्वारा “खतरनाक” बताई गई ये सामग्रियां गहरे समुद्र में देखी गईं और माना जा रहा है कि ये धीरे-धीरे केरल तट की ओर बढ़ रही हैं।




