ईरान और इजरायल के बीच तनाव का माहौल जारी है. ऐसे माहौल में ईरान में पढ़ाई करने के लिए गए भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है. भारत सरकार ने भारतीय मूल के छात्रों को ईरान से रिलोकेट कर आर्मेनिया ले जाने की इजाजत मांगी हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय ईरान में मौजूद भारतीय छात्रों के साथ लगातार संपर्क में है. वहां पढ़ने वाले तमाम भारतीय छात्रों और काम करने वाले अन्य भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. अपने आधिकारिक बयान में भारत सरकार ने कहा है कि ईरान में कुछ भारतीय छात्रों को देश के भीतर “सुरक्षित स्थानों” पर स्थानांतरित किया जा रहा है.
भारतीय छात्रों को ईरान के भीतर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तेहरान में भारतीय दूतावास लगातार सुरक्षा स्थिति की निगरानी कर रहा है और ईरान में भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनसे संपर्क कर रहा है. कुछ मामलों में, छात्रों को दूतावास की सुविधा से ईरान के भीतर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. अन्य संभव विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मैं ईरान में उभरती स्थिति, खासकर तेहरान, शिराज और अन्य शहरों में कश्मीरी छात्रों के संबंध में विदेश मंत्रालय के संपर्क में हूं. मंत्रालय ईरान में अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में है.
1,500 से अधिक छात्र ईरान में मौजूद
आपको बता दें कि ईरान में 1,500 से अधिक छात्र पढ़ाई करने के लिए गए हुए हैं. इनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, ईरान में कुल 10765 भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें 1500 के करीब भारतीय छात्र हैं.




