साल 2025 में मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों खासतौर पर ईरान और इजरायल में जारी तनाव ने यात्रा उद्योग में हलचल मचा दी है. इससे वीज़ा नीतियों और हवाई यात्रा की सुचारू व्यवस्था दोनों पर असर पड़ा है. खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सदस्य देश — संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत और ओमान — इस संकट से विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. कई देशों में विदेशी नागरिकों के लिए यात्रा में बाधा और वीज़ा रद्द होने जैसी घटनायें सामने आई हैं. इन बदलावों की वजह से पर्यटन, व्यापारिक यात्रा और क्षेत्रीय राजनयिक संबंधों पर गहरा असर पड़ा है.
1.कई देशों के नागरिकों के लिए वीज़ा स्थगित
सऊदी अरब समेत कुछ GCC देशों ने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र, सूडान, यमन, अल्जीरिया, इथियोपिया, इराक, जॉर्डन, मोरक्को, नाइजीरिया, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया जैसे देशों के नागरिकों के लिए वीज़ा अस्थायी रूप से स्थगित कर दिए हैं. यह फैसला सुरक्षा चिंताओं के चलते लिया गया है.
2. एयरलाइन उड़ानें रद्द: इज़राइल की हवाई सीमा बंद
एमिरेट्स, एतिहाद जैसी प्रमुख एयरलाइनों ने इज़राइल और आसपास के देशों के लिए उड़ानों को रद्द कर दिया है. इज़राइली हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण यह निर्णय लिया गया, जिससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ान मार्गों में व्यवधान उत्पन्न हुआ है.
3. उड़ान में देरी और रीरूटिंग
कुछ उड़ानों को वैकल्पिक मार्गों (जैसे पाकिस्तान के रास्ते) से मोड़ा जा रहा है, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा समय और खर्च दोनों में वृद्धि हो रही है.
4. पर्यटकों की परेशानी: इज़राइल में हजारों फंसे
हजारों पर्यटक इज़राइल में फंसे हुए हैं, क्योंकि वहां से प्रस्थान करने वाली उड़ानें अचानक रद्द कर दी गईं. अब ये यात्री वैकल्पिक मार्गों के सहारे घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं.
5. आर्थिक प्रभाव: प्रवासी नागरिकों पर दोहरी मार
वीज़ा रद्दीकरण और उड़ान रद्द होने के कारण कई प्रवासी नागरिकों को वित्तीय हानि हो रही है. वीज़ा शुल्क अक्सर नॉन-रिफंडेबल होता है, जिससे उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
6. राजनीतिक तनाव: इज़राइल और ईरान के बीच टकराव का प्रभाव
इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने क्षेत्रीय हवाई सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है. इसके परिणामस्वरूप कई देशों ने अपना हवाई क्षेत्र अस्थायी रूप से बंद कर दिया है, जिससे पूरे मध्य पूर्व में हवाई यातायात प्रभावित हो रहा है.
7. पर्यटन पर असर: क्षेत्रीय अस्थिरता से गिरता पर्यटन
राजनीतिक अस्थिरता के चलते GCC देशों और इज़राइल के बीच पर्यटन पर गहरा असर पड़ा है. इससे न केवल पर्यटक प्रभावित हुए हैं, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं पर भी दबाव पड़ा है.
8. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर: वैश्विक यात्रियों की मुश्किलें
लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं, क्योंकि कई एयरलाइनों ने मध्य पूर्व से होकर जाने वाले रूट को या तो बंद कर दिया है या बदल दिया है.
9. वीज़ा नीतियों में बदलाव: GCC देशों की सख्ती
सऊदी अरब जैसे देशों ने नए विज़िट वीज़ा पर अस्थायी रोक लगा दी है, जिससे विदेशी नागरिकों के लिए खाड़ी देशों की यात्रा और भी कठिन हो गई है.
10. यात्रियों में अनिश्चितता: योजना बनाना मुश्किल
लगातार बदलती वीज़ा नीतियां, उड़ानें रद्द होने और सुरक्षा चिंताओं के चलते यात्रियों के लिए यात्रा की योजना बनाना मुश्किल हो गया है. ट्रैवल इंडस्ट्री को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
मध्य पूर्व में तनाव का वीज़ा रद्दीकरण पर प्रभाव
मध्य पूर्व लंबे समय से भू-राजनीतिक दृष्टि से एक संवेदनशील क्षेत्र रहा है, जहां कई देशों के बीच चल रहे तनाव का असर खाड़ी देशों पर भी पड़ता है. साल 2025 में ये तनाव और अधिक गहराए हैं, जिसके चलते GCC (खाड़ी सहयोग परिषद) देशों में नीतियों में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं.
इन बदलावों में सबसे प्रमुख है विदेशी नागरिकों के वीज़ा रद्द किए जाना, जिससे हजारों यात्रियों और प्रवासियों को तत्काल प्रभाव पड़ा है. यह निर्णय न केवल यात्रा योजनाओं को बाधित कर रहा है, बल्कि खाड़ी देशों में काम कर रहे या यात्रा करने की योजना बना रहे लोगों के लिए भी अनिश्चितता और चिंता का कारण बन रहा है.
सऊदी अरब की सख्ती: सुरक्षा चिंताओं के चलते वीज़ा रद्द, प्रवासी और पर्यटक संकट में
खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के सबसे प्रभावशाली सदस्य देशों में से एक, सऊदी अरब ने सुरक्षा चिंताओं के बीच वीज़ा रद्दीकरण को लेकर विशेष रूप से कड़ा रुख अपनाया है. जैसे-जैसे क्षेत्रीय तनाव बढ़ा, सऊदी अरब के जनरल डाइरेक्टरेट ऑफ पासपोर्ट्स (जवाज़ात) ने सख्त वीज़ा नीतियां लागू करनी शुरू कर दीं.
इन नीतियों के तहत कुछ विदेशी नागरिकों — विशेषकर उन देशों से आने वाले लोगों के एग्ज़िट और री-एंट्री वीज़ा रद्द कर दिए गए, जो या तो सीधे क्षेत्रीय संघर्षों में शामिल हैं या जिनके सऊदी अरब के साथ संबंध तनावपूर्ण हैं. इन फैसलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से उचित ठहराया गया, लेकिन इसके चलते कई प्रवासी कामगार और यात्री फंस गए, जिनके पास लौटने या आगे बढ़ने का कोई स्पष्ट रास्ता नहीं था.
कतर में वीज़ा प्रतिबंध और पर्यटन पर असर
कतर, जो यूरोपीय पर्यटकों के लिए लग्ज़री डेस्टिनेशन बन चुका है, अब वीज़ा पाबंदियों के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट देख रहा है. इसने देश के ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को झकझोर दिया है, और उन्हें अब अपनी व्यावसायिक रणनीतियां दोबारा सोचनी पड़ रही हैं.
UAE की मानवतावादी पहल: ईरानियों पर ओवरस्टे फाइन माफ
संयुक्त अरब अमीरात ने एक अलग रुख अपनाते हुए ईरानी नागरिकों के लिए ओवरस्टे जुर्माना माफ करने की घोषणा की है.
ईरान-इज़राइल संघर्ष और उड़ानों के निलंबन के चलते फँसे नागरिकों के लिए यह दया और समर्थन का संदेश माना गया.
इस निर्णय की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हुई, खासकर जबकि अन्य GCC देशों ने कठोर कदम उठाए हैं.
उड़ान सेवाओं में बाधा: एयरस्पेस बंद, रीरूटिंग और महंगी यात्रा
एमिरेट्स, कतर एयरवेज, फ्लाई दुबई, और एतिहाद जैसी प्रमुख एयरलाइनों को इज़राइल और अन्य देशों के हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण अपनी उड़ानें रद्द या रूट डायर्वट करनी पड़ी.
अधिकतर उड़ानों को अब पाकिस्तान जैसे वैकल्पिक मार्गों से होकर जाना पड़ रहा है, जिससे:
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यात्रा समय बढ़ गया है
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संचालन लागत बढ़ी है
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यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है
पर्यटन उद्योग पर गहरा असर
GCC देशों में पर्यटन, जो अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ है, सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है:
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दुबई और अबू धाबी जैसे पर्यटन केंद्रों को अपनी मार्केटिंग रणनीतियाँ बदलनी पड़ीं
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हज और उमराह यात्राओं पर भी असर पड़ा है; सऊदी मंत्रालय को नई नीतियां अपनानी पड़ीं
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कतर में वर्ल्ड कप के बाद के पर्यटन विस्तार की योजना अब संकट में है
GCC वीज़ा एकीकरण योजना: समाधान की एक किरण
GCC देश एकीकृत पर्यटक वीज़ा (Unified GCC Tourist Visa) योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे यात्रियों को एक वीज़ा से सभी 6 देशों की यात्रा की सुविधा मिल सकेगी. हालांकि इसकी सफलता इस बात पर निर्भर है कि क्षेत्रीय राजनीतिक तनाव कितनी जल्दी सुलझते हैं.




