हज यात्रा 2026 को लेकर सऊदी सरकार की ओर से नियमों में बदलाव किया है। इससे पहले हज यात्रा के दौरान पति और पत्नी साथ में ही यात्रा पर जाते थे तो एक साथ ही कमर में ठहरते थ। लेकिन अब नए बदलाव के मुताबिक सऊदी में हज यात्रा के वक्त पति और पत्नी एक कमरे में नहीं ठहर सकते हैं। सऊदी सरकार ने महिला और पुरुष हज यात्रियों को एक ही कमरे में ठहराए जाने की व्यवस्था खत्म कर दी है। पुरुषों को महिला आजमीन के कमरों में जाने की भी अनुमति नही होगी।
हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी की गई गाइडलाइन
हज कमेटी ऑफ इंडिया ओर से हज 2026 को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है जिसमें बताया गया है कि सऊदी अरब सरकार ने महिला और पुरुष हज यात्रियों को एक साथ एक ही कमरे में ठहराने की व्यवस्था खत्म कर दी है। सऊदी सरकार के नियम के मुताबिक पुरुष आजमीन को महिला आजमीन के कमरों में प्रवेश की भी अनुमति नहीं मिलेगी।
राज्य हज कमेटी के सचिव एसपी तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक एक शहर के हज यात्रियों को एक ही बिल्डिंग में ठहराए जाने को प्राथमिकता दी जाएगी। पति-पत्नी और करीबी रिश्तेदारों का कमरा अगल-बगल रखे जाने की बात कही गई है ताकि जरुरत पड़ने पर एक दूसरे की मदद हो सके। उन्होंने बताया कि बगैर महरम कैटेगरी में जाने वाली महिलाएं एक साथ ठहराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से कई व्यवहारिक समस्याओं को देखते हुए हज कमेटी ऑफ इंडिया को पत्र भेजा जाएगा। हालांकि अंतिम निर्णय सऊदी अरब सरकार को ही लेना है।
भारत को पहले दी गई थी छूट
राज्य हज कमेटी के सचिव एसपी तिवारी का कहना है कि सऊदी अरब में दुनियां के तमाम देशों के महिला व पुरुष हज यात्री अलग-अलग कमरों में ठहराए जाते हैं। तिवारी ने बताया कि भारत जाने वाले अधिकांश हज यात्री ज्यादा उम्र और कम पढ़े होते हैं। इसके मददेनजर सऊदी हुकूमत ने सिर्फ भारतीय महिला व पुरुष यात्रियों को एक साथ एक ही कमरे में ठहरने और किचन की छूट दी थी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों की शिकायत थी कि एक कमरे में रहने से महिलाओं की बेपर्दगी होती है। उन्होंने बताया कि महिला और पुरुष हज यात्रियों को अलग-अलग कमरों में ठहराए जाने की कवायद बीते साल से चल रही है।