फ्रांस और सऊदी अरब न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक अहम बैठक की अगुवाई करेंगे। इस बैठक में इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच दो-देश समाधान (Two-State Solution) को फिर से शुरू करने की कोशिश की जाएगी।
बैठक से ठीक पहले, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ऐलान किया कि वह सितंबर में फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देंगे। जानकारों का कहना है कि यह फैसला इस सम्मेलन को और मजबूती देगा।
फ्रांस को उम्मीद है कि इस सम्मेलन में यूरोप के कई देश भी फिलिस्तीन को मान्यता देने का ऐलान कर सकते हैं। ब्रिटेन पर भी दबाव बढ़ रहा है, जहां 200 से ज़्यादा सांसदों ने प्रधानमंत्री से ऐसा करने की मांग की है। इस समय दुनिया के 193 में से 142 देश पहले ही फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं। लेकिन गाजा में चल रही जंग, वेस्ट बैंक में इज़राइली बस्तियों का विस्तार, और ज़मीन हथियाने की योजना ने फिलिस्तीनी राज्य के भविष्य को खतरे में डाल दिया है।
इस सम्मेलन में फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा और कई देशों के मंत्री शामिल होंगे। इस बैठक का मकसद सिर्फ मान्यता देना नहीं, बल्कि तीन और बड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी:
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फिलिस्तीनी प्रशासन में सुधार
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हमास को हथियार मुक्त करना और राजनीति से हटाना
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इज़राइल के साथ सामान्य संबंधों की ओर बढ़ना
अरब देश पहली बार हमास की आलोचना और उसे निशस्त्र करने की मांग करेंगे, जबकि इज़राइल और अमेरिका इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। सम्मेलन के दौरान गाजा में जारी मानवीय संकट मुख्य चर्चा का विषय रहेगा। विश्लेषकों को उम्मीद है कि इज़राइल की तीखी आलोचना की जाएगी।




