भारतीय रुपया गिरकर 23.86 हो गया है, जो पहले 23.80 था। ऐसा तब हुआ जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सामानों पर 25% टैक्स लगाने की धमकी दी। इसके कारण रुपये पर दबाव बढ़ गया है।
अब माना जा रहा है कि आने वाले कुछ घंटों और दिनों में UAE से भारत पैसे भेजने की संख्या बहुत ज्यादा हो जाएगी। मनी एक्सचेंज कंपनियों ने कहा है कि ये ‘अब तक की सबसे ज़्यादा रेमिटेंस’ (विदेश से भेजे जा रहे पैसे) हो सकती है। भारत में जब करेंसी मार्केट खुला, तो बहुत सारे लोग बैंकिंग ऐप्स और मनी ट्रांसफर प्लेटफॉर्म पर पैसे भेज रहे थे। जैसे ही एक्सचेंज कंपनियां अपने रेट कन्फर्म करेंगी, ट्रांसफर की संख्या और बढ़ेगी।
सऊदी अरब और क़तर में रह रहे भारतीयों के लिए भी यह समय फायदेमंद है। अभी सऊदी रियाल के मुकाबले रुपया 23.37 है और कतर की करेंसी के मुकाबले 24.07 है। बड़ी मनी ट्रांसफर कंपनियां भी इस समय कम फीस या खास ऑफर दे सकती हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पैसे भेजें। एक अधिकारी ने कहा, “जो भारतीय हर महीने 28 या 29 तारीख को पैसा भेजते हैं, वो भी अभी इंतजार कर रहे हैं ताकि रेट और अच्छा हो जाए।” क्योंकि ट्रंप की धमकी से रुपया और गिर सकता है।
23.86 का रेट अब तक के सबसे कम रेट 23.94 से बहुत नजदीक है, जो 10 फरवरी को देखा गया था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आज ही यह रेट फिर से छू सकता है या उससे भी नीचे जा सकता है। UAE और खाड़ी देशों में रह रहे भारतीयों के लिए यह बहुत फायदेमंद समय है। फरवरी में जब रुपया 23.94 तक गिरा था, तब भी यह फायदा केवल कुछ दिन ही रहा था।
एक फिनटेक कंपनी के ट्रेज़री मैनेजर नीलेश गोपालन ने कहा, “आज सबसे ज्यादा लोग पैसा भेज रहे हैं और खास बात ये है कि यह सब तब हो रहा है जब एनआरआई को उनकी सैलरी भी मिल रही है।” अगर भारत का रिज़र्व बैंक बीच में दखल नहीं देता, तो आने वाले दिनों में और लोग पैसे भेज सकते हैं।




