केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि सऊदी अरब में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास उन भारतीय कामगारों की मदद कर रहे हैं, जो वेतन न मिलने, पासपोर्ट जब्त किए जाने और कानूनी स्थिति खोने जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में “सऊदी अरब में फंसे भारतीय कामगारों की वापसी और कल्याण” से जुड़े सवाल का लिखित जवाब दिया। उन्होंने कहा, “भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों को समय-समय पर भारतीय कामगारों से वेतन न मिलना, पासपोर्ट जब्त किया जाना, रेजिडेंस कार्ड न बनना या रिन्यू न होना, एग्जिट परमिट न जारी करना जैसी शिकायतें मिलती रहती हैं।
मंत्री ने बताया कि कामगारों को दूतावास से संपर्क करने के कई तरीके जैसे कि सीधे जाकर, ईमेल, 24×7 इमरजेंसी हेल्पलाइन, व्हाट्सएप, MADAD, CPGAMS, eMigrate पोर्टल और सोशल मीडिया है।
प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र से मदद
रियाद और जेद्दा में प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (Pravasi Bharatiya Sahayata Kendra) बनाए गए हैं, जहां भारतीय कामगारों को सलाह और मार्गदर्शन दिया जाता है। इसके अलावा दूतावासों में लेबर विंग (Labour Wing) भी बनाए गए हैं, जो इस तरह की समस्याएं सुलझाने का काम करते हैं। जरूरत पड़ने पर दूतावास और वाणिज्य दूतावास दूरदराज के क्षेत्रों में Consular Camp भी लगाते हैं ताकि कामगारों की मदद की जा सके।
मदद और शिकायतों का समाधान
कोई भी शिकायत मिलने पर दूतावास या वाणिज्य दूतावास सीधे विदेशी नियोक्ता (Foreign Employer) से संपर्क करता है। यदि ज़रूरत हो तो प्रभावित कामगार के कार्यस्थल का भी दौरा किया जाता है। स्थानीय लेबर डिपार्टमेंट और अन्य संबंधित अधिकारियों से भी संपर्क कर समस्या का समाधान कराया जाता है।
आर्थिक व कानूनी सहायता
भारतीय कम्युनिटी वेलफेयर फंड (ICWF) के जरिए जरूरतमंद भारतीयों को आर्थिक और कानूनी सहायता भी दी जाती है। इसमें रहने-खाने की व्यवस्था, भारत लौटने का किराया, कानूनी सहायता, आपातकालीन इलाज, शव भारत लाने में सहायता, छोटे-मोटे जुर्माने भरने जैसी सहायता शामिल है।
सुरक्षित और सम्मानजनक कामकाज के लिए पहल
सरकार ने प्रवासी भारतीयों की सुरक्षित और सम्मानजनक रोजगार यात्रा के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें “प्रवासी भारतीय बीमा योजना (PBBY)” और “Pre-departure Orientation Training (P-DOT)” शामिल हैं। PBBY योजना उन भारतीय कामगारों के लिए अनिवार्य बीमा योजना है, जो Emigration Check Required (ECR) पासपोर्ट लेकर ECR देशों में काम करने जाते हैं। इस बीमा योजना में मामूली प्रीमियम (2 साल के लिए 275 रुपये, 3 साल के लिए 375 रुपये) पर दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी अपंगता होने पर 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर और अन्य लाभ मिलते हैं।




