सऊदी अरब जैसे शुष्क और गर्म देश में हरियाली बहुत कम है, लेकिन अब “ग्रीन वॉल्स” यानी जीवित दीवारें एक नई उम्मीद बन रही हैं। ये दीवारें, जिनमें दीवारों पर पौधे उगाए जाते हैं, अब सिर्फ सजावट नहीं हैं, बल्कि शहरी जीवन को जलवायु अनुकूल और बेहतर बनाने का एक वैज्ञानिक तरीका बन चुकी हैं।
ग्रीन वॉल्स क्या हैं?
यह दीवारों पर उगाए गए पौधों की व्यवस्था होती है, जो विशेष तकनीक से बिना मिट्टी के भी उगाए जा सकते हैं (हाइड्रोपोनिक पद्धति)। फ्रांस के वैज्ञानिक पैट्रिक ब्लांक ने इसकी शुरुआत की थी।
ग्रीन वॉल्स के फायदें
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तापमान नियंत्रण: ये दीवारें गर्मी को कम करती हैं और घरों को ठंडा रखने में मदद करती हैं।
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शोर और प्रदूषण कम करना: हवा को साफ करती हैं और शोर को भी रोकती हैं।
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मानसिक स्वास्थ्य: हरियाली तनाव कम करती है और मन को शांत रखती है।
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ऊर्जा की बचत: भवनों में एयर कंडीशनिंग की जरूरत घट जाती है।
सऊदी अरब में चुनौतियां और समाधान
सऊदी का मौसम बहुत गर्म और सूखा है, लेकिन रीसाइक्ल की गई ग्रे वॉटर (जैसे एसी की पानी) से इन दीवारों को सिंचित किया जा सकता है। देश में अब स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से इन ग्रीन वॉल्स को डिजाइन किया जा रहा है।
क्यों जरूरी हैं ग्रीन वॉल्स?
ये अब सिर्फ ट्रेंड नहीं बल्कि जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर बन चुकी हैं। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को पूरा करने में मदद करती हैं जैसे कि स्वच्छ जल, सस्ती ऊर्जा और नवाचार व इन्फ्रास्ट्रक्चर।




