संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंप्यूटर चिप्स और सेमीकंडक्टर्स पर 100% तक टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। इससे वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन, लैपटॉप, घरेलू उपकरणों और वाहनों जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की कीमतों में तेज़ वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।
क्या है ट्रंप का प्रस्ताव
ट्रंप ने हाल ही में Apple के CEO टिम कुक और Nvidia के CEO जेंसन हुआंग के साथ बैठक में यह योजना पेश की। प्रस्ताव के अनुसार, जो कंपनियां अमेरिका में चिप्स बना रही हैं उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन विदेश में बने चिप्स पर 100% तक आयात शुल्क लगेगा। ट्रंप का कहना है कि जो चिप्स अमेरिका में बन रहे हैं तो उनपर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
क्या पड़ेगा इसका प्रभाव
छूट पाने वाली कंपनियां:
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TSMC (ताइवान), Samsung (दक्षिण कोरिया), और SK Hynix जैसी कंपनियों को अमेरिका में फैक्ट्रियों के चलते अनौपचारिक छूट मिली है।
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अमेरिकी कंपनियां जैसे Intel और Nvidia भी घरेलू उत्पादन के चलते इस टैरिफ से बचेंगी।
प्रभावित कंपनियां:
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अधिकांश वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एशिया में असेंबल होते हैं और चिप्स भी वहीं से आते हैं।
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जैसे, Apple के 90% iPhones चीन में असेंबल होते हैं और उनमें दुनिया भर से चिप्स इस्तेमाल होते हैं।
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इसलिए अमेरिकी कंपनियों की लागत भी बढ़ सकती है, जब तक वे सप्लाई चेन को पूरी तरह पुनर्गठित न करें, जो वर्षों लग सकते हैं।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर असर
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सेमीकंडक्टर उद्योग एक जटिल वैश्विक नेटवर्क पर निर्भर है।
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टैरिफ से कंपनियों को नई आपूर्ति ढूंढनी होगी, जो अक्सर महंगी होगी।
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इससे निर्माण लागत में वृद्धि होगी, और अंतिम उत्पाद की कीमतें बढ़ेंगी।
यूएई पर क्या असर पड़ेगा?
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यूएई खुद सेमीकंडक्टर का निर्यातक नहीं है, लेकिन यह एक प्रमुख री-एक्सपोर्ट हब है।
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यदि वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें बढ़ती हैं, तो यूएई के आयात और निर्यात दोनों महंगे हो सकते हैं।
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इसका असर स्थानीय दुकानदारों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा।
नीतिगत बदलाव या आर्थिक जोखिम?
यह योजना अमेरिका की मौजूदा नीति CHIPS Act जैसी सब्सिडी से अलग एक आक्रामक संरक्षणवादी कदम है। विशेषज्ञों की चेतावनी है कि टैरिफ से ज़्यादातर नुकसान उपभोक्ताओं को होता है, न कि विदेशी कंपनियों को। चिप निर्माण में वर्षों और अरबों डॉलर लगते हैं शॉर्ट टर्म में बदलाव संभव नहीं। वैश्विक कंपनियां अमेरिका की बजाय अन्य देशों में निर्माण स्थानांतरित कर सकती हैं।




