बुधवार को भारत ने ओडिशा स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR), चांदीपुर से अपनी मध्यम-दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस प्रक्षेपण ने सभी संचालनात्मक और तकनीकी मानकों को प्रमाणित किया और यह परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) की देखरेख में किया गया।
अग्नि-5 और MIRV क्षमता
बुधवार को परीक्षण की गई मिसाइल, अग्नि-5 का एक वेरिएंट है, जिसे भारत ने स्वदेशी रूप से एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) के रूप में विकसित किया है। इसकी मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर है। इस प्रणाली को डीआरडीओ (DRDO) ने देश की दीर्घकालिक सुरक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित किया है।
पिछला परीक्षण
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अग्नि-5 का पिछला ट्रायल 11 मार्च 2024 को हुआ था।
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उस समय डीआरडीओ ने इसे MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक से लैस करके सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
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MIRV तकनीक के कारण एक ही मिसाइल से एक साथ कई लक्ष्यों पर प्रहार किया जा सकता है।




