दुबई की एक अदालत ने भारतीय मूल के व्यवसायी बलविंदर सिंह साहनी, उर्फ ‘अबू सबाह’ पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 360 करोड़ रुपये (150 मिलियन दिरहम) का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही पांच साल की सज़ा भी सुनाई गई है।
सजा पूरी होने के बाद उन्हें दुबई से निर्वासित किया जाएगा। यह मामला यूएई के सबसे बड़े वित्तीय अपराध मुकदमों में से एक बताया जा रहा है, जिसमें 33 आरोपियों को घेराबंदी में लिया गया। जांच में सामने आया कि साहनी और उनके सहयोगियों ने शेल कंपनियों के जरिए संदिग्ध लेन-देन कर करोड़ों रुपये की अवैध धनराशि विदेशों में पहुंचाई।
अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने ब्रिटेन के ड्रग तस्करों के करीब 432 करोड़ रुपये बिटकॉइन के ज़रिए पांच डिजिटल वॉलेट्स में स्थानांतरित किए और फिर नकद में बदलवाकर दुबई के एक आलीशान होटल अपार्टमेंट तक पहुंचवाया। साहनी ने हर लेन-देन पर 4% कमीशन काटकर यह धन अपनी तीन कंपनियों में ट्रांसफर किया।
जनवरी 2025 में शुरू हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने 150 मिलियन दिरहम, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य जब्त सामान को अपराध से अर्जित संपत्ति घोषित करते हुए जब्त करने का आदेश दिया। ‘अबू सबाह’ के नाम से चर्चित साहनी अपने भव्य जीवनशैली और लग्ज़री कारों के शौक के लिए जाने जाते थे। 2016 में उन्होंने महज़ एक अंक वाली ‘5’ नंबर प्लेट के लिए 79 करोड़ रुपये चुकाए थे। मूल रूप से कुवैत में जन्मे साहनी ने पहले स्पेयर पार्ट्स और टायर के कारोबार से संपत्ति बनाई और फिर 2006 में दुबई जाकर बस गए।




