यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का असर अब भारत की निजी रिफाइनरी कंपनी नायरा एनर्जी पर साफ दिखने लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरामको और इराक की सरकारी तेल कंपनी SOMO ने नायरा एनर्जी को कच्चे तेल की सप्लाई रोक दी है।
गुजरात के वडिनार स्थित रिफाइनरी का संचालन करने वाली नायरा एनर्जी में रूस की कंपनी रोज़नेफ्ट की बहुलांश हिस्सेदारी है। आमतौर पर कंपनी हर महीने इराक से लगभग 20 लाख बैरल और सऊदी अरब से करीब 10 लाख बैरल कच्चा तेल मंगाती थी, लेकिन अगस्त में उसे इन दोनों देशों से एक भी शिपमेंट नहीं मिला।
उद्योग सूत्रों और शिपिंग डेटा के मुताबिक, अब कंपनी पूरी तरह से रूस पर निर्भर हो गई है। बताया जा रहा है कि यूरोपीय संघ की पाबंदियों के कारण नायरा को इराकी तेल के भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इससे पहले जुलाई में ही SOMO की ओर से भेजी गई आखिरी खेप वडिनार बंदरगाह पर उतारी गई थी।
सप्लाई बाधित होने के चलते नायरा अपनी रिफाइनरी 70-80% क्षमता पर ही चला पा रही है और ईंधन परिवहन के लिए उसे ‘डार्क फ्लीट’ जहाजों का सहारा लेना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, जुलाई में कंपनी के CEO ने इस्तीफा दिया था और हाल ही में SOCAR (अज़रबैजान की राष्ट्रीय तेल कंपनी) से एक वरिष्ठ अधिकारी को नया मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया गया है।




