Nepal Protest: नेपाल के युवाओं ने ऐसा विद्रोह प्रदर्शन किया कि वहां की सत्ता को ही उखाड़ डाला। ऐसा विरोध प्रदर्शन पूरा दुनिया ने पहली बार देखा। वहां के युवाओं का गुस्सा इस कदर भड़का कि उन्होंने वर्तमान में सत्ता पर बैठी सरकार को तो उखाड़ ही फेंका इसके साथ-साथ पूर्व मंत्री और नेताओं को भी नहीं छोड़ा। संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक पार्टियों के ऑफिस प्रधानमंत्री-मंत्रियों के घर और ऐतिहासिक काठमांडू के सिंह दरबार को भी जला डाला। प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी। विरोध प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है।
मंगलवार को संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और सुप्रीम कोर्ट को आग के हवाले करने के बाद आज नेपाल की एक मॉल में लूटपाट का मामला सामने आया है। वहां की जनता ने मॉल में लूटपाट कर डाली। बिगड़े हालात को देखते हुए प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर और त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सभी उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है। मंगलवार को पशुपतिनाथ मंदिर और त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की थी।
प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफा के बाद अब नेपाल की सत्ता वहां की सेना के हाथों में है। नेपाल में अब कोई सरकार नहीं है। सेना ने युवाओं से विरोध प्रदर्शन को खत्म करने की अपील की है। नेपाल में अब क्या होगा ये देश कैसे चलेगा ? ये सबसे बड़ा सवाल बनकर उभर है। इन युवाओं के दिलों में भड़की आग आखिर कब जाकर समाप्त होगी उनका गुस्सा ना जाने अब और कौन-कौन से विध्वंस करेगा।
चीन नेपाल का सबसे बड़ा राजनीतिक साझेदार हैं लेकिन इसके बावजूद वहां के बिगड़ते हालातों को लेकर अब तक चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है। वहीं भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने नेपाल के युवाओं से शांति की अपील की है। नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बावजूद मंगलवार को लगातार दूसरे दिन जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की। टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र के नाम संबोधन में जनरल सिगडेल ने कहा- हम प्रदर्शनकारी समूह से अपील करते हैं कि वह विरोध प्रदर्शन रोकें और शांतिपूर्ण समाधान के उद्देश्य से बातचीत के लिए आगे आयें। सेना के प्रमुख ने कहा, हमें वर्तमान कठिन स्थिति को सामान्य बनाने और आम लोगों व राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।




