काठमांडू एयरपोर्ट बंद रहने की समयसीमा बढ़ने के बाद इंडिगो एयरलाइंस ने बुधवार को ट्रैवल एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया कि 10 सितंबर शाम 6 बजे तक काठमांडू आने-जाने वाली सभी उड़ानें रद्द रहेंगी। पहले उड़ानें 10 सितंबर दोपहर 12 बजे तक ही रोकी गई थीं, लेकिन अब समय बढ़ा दिया गया है।
इंडिगो ने अपने बयान में कहा कि जैसे ही अनुमति मिलेगी, उड़ानों को फिर से शुरू कर दिया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए एयरलाइन ने 12 सितंबर तक टिकट बदलने और कैंसिल करने पर छूट देने का भी ऐलान किया है। वहीं, स्पाइसजेट ने भी मंगलवार को 10 सितंबर की सभी उड़ानें काठमांडू के लिए रद्द कर दी थीं।
एयर इंडिया ने बताया कि दिल्ली–काठमांडू–दिल्ली रूट पर चलने वाली उसकी चार उड़ानें (AI2231/2232, AI2219/2220, AI217/218 और AI211/212) मंगलवार को रद्द करनी पड़ीं। एयर इंडिया ने कहा कि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हालात पर लगातार नज़र रखी जा रही है। एयरलाइन रोज़ाना छह उड़ानें इस रूट पर संचालित करती है।
जानकारी के मुताबिक, एक विमान काठमांडू तक पहुंच गया था लेकिन लैंडिंग क्लियरेंस न मिलने पर उसे दिल्ली लौटना पड़ा। एक अन्य विमान ने हवाई अड्डे पर धुआं देखने के बाद वापसी कर ली।
इंडिगो की दिल्ली–काठमांडू और मुंबई–काठमांडू उड़ानों को भी लखनऊ डायवर्ट करना पड़ा। बाद में एयरलाइन ने सभी काठमांडू आने-जाने वाली उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित कर दीं। इंडिगो ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर यात्रियों को टिकट बदलने या रिफंड का विकल्प दिया है।
नेपाल एयरलाइंस ने भी दिल्ली–काठमांडू रूट की उड़ानें रद्द कर दीं। इन हालात के कारण कई यात्री काठमांडू हवाई अड्डे पर फंसे रह गए। सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा – “मेरी पत्नी और कई यात्री एयरपोर्ट पर फंसे हैं, तुरंत मदद की ज़रूरत है, एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है।”
नेपाल में 8 सितंबर से सोशल मीडिया बैन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। ये प्रदर्शन जल्दी ही हिंसक हो गए। अब तक कम से कम 19 लोगों की मौत और 500 लोग घायल हो चुके हैं। हालात काबू में लाने के लिए काठमांडू समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है। नेपाली सेना ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि गुरुवार (11 सितंबर) सुबह 6 बजे से देशभर में कर्फ्यू लागू रहेगा। सेना ने हालात संभालने में जनता के सहयोग की सराहना की और हिंसा में जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना जताई।
इसी बीच नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल आज (10 सितंबर) प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करेंगे ताकि बातचीत के ज़रिए शांति बहाल की जा सके। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपना इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि बेरोज़गारी का संकट भी इस आंदोलन की बड़ी वजह माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि रोज़ाना लगभग 5,000 युवा रोज़गार की तलाश में नेपाल छोड़कर विदेश जा रहे हैं।




