ओडिशा विजिलेंस ने शुक्रवार को अश्विनी कुमार पांडा को गिरफ्तार किया है। अश्विनी कुमार पांडा साम्बलपुर जिले के बमरा में तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे और राज्य सिविल सेवा परीक्षा में टॉपर रहे थे। उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 15,000 रुपये की रिश्वत ली। विजिलेंस के बयान के अनुसार अधिकारी ने शिकायतकर्ता से कृषि भूमि को आवासीय भूमि में बदलने के लिए रिश्वत ली। शिकायतकर्ता ने एक महीने पहले तहसीलदार कार्यालय में भूमि रूपांतरण के लिए आवेदन किया था।
विजिलेंस के बयान में कहा गया कि पांडा ने रूपांतरण की अनुमति और रिकॉर्ड ऑफ राइट (RoR) जारी करने के लिए 20,000 रुपये रिश्वत मांगी। जब शिकायतकर्ता ने इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता जताई, तो पांडा ने रिश्वत की राशि 15,000 रुपये कर दी और चेतावनी दी कि अन्यथा रूपांतरण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
शिकायतकर्ता ने इसके बाद विजिलेंस अधिकारियों से संपर्क किया, जिसके बाद शुक्रवार को जाल बिछाकर तहसीलदार को उनके कार्यालय से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। पूरे रिश्वत की रकम जब्त कर ली गई। इसके साथ ही पांडा के भुवनेश्वर स्थित आवास और उनके PWD IB कार्यालय में छापेमारी की गई। छापेमारी में भुवनेश्वर स्थित उनके घर से 4,73,000 रुपये नकद जब्त किए गए। उनके ड्राइवर पी. प्रवीण कुमार को भी विजिलेंस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया। मामले की आगे की जांच जारी है।
अश्विनी कुमार पांडा (32) ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने 2019 में ओडिशा सिविल सेवा परीक्षा में टॉपर होने के बाद दिसंबर 2021 में ट्रे्निंग रिज़र्व अधिकारी (TRO) के रूप में सरकारी सेवा में प्रवेश किया। बमरा में तहसीलदार के रूप में तैनात होने से पहले उन्होंने मईरभूम जिले के शमाखुंटा तहसीलदार के रूप में कार्य किया था।




