9 सितंबर को इजरायल ने कतर पर बड़ा हवाई हमला किया था। इस हमले में दोहा में छह लोगों की मौत हो गई थी जिनमें आंतरिक सुरक्षा बल का एक अधिकारी भी शामिल था। इस हमले के बाद कतर ने अब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
कतर के विदेश मामलों के राज्य मंत्री मुहम्मद अल-खुलैफी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कि एक कानूनी टीम बनाई गई है जो अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघनों की जांच करेगी और कतार की संप्रभुता की रक्षा करेगी। उनका कहना है कि यह कदम कतार की अंतरराष्ट्रीय न्याय और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अल-खुलैफी ने ICC की अध्यक्ष जज तोमोको अकाने और उप अभियोजक नज़हत शामेम खान से मुलाकात की और कहा कि कतर युद्ध अपराध और आक्रामक कार्रवाइयों के अपराधियों को बचने नहीं देगा।
बीते साल ICC ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गाजा युद्ध के दौरान युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों की जांच शुरू की थी। इस जांच में पाया गया कि नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया और उन्हें भूखा रखा गया। ICC ने इज़राइल के पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलंट और हमास कमांडर मुहम्मद डिफ़ को भी गिरफ्तार करने का आदेश दिया था, डिफ़ को इज़राइल ने बाद में मार गिराया।
गाजा युद्ध अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें AFP के अनुसार 1,219 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। इज़राइली हमले का लक्ष्य एक विला था, जहां हमास के राजनीतिक नेताओं ने अमेरिका समर्थित संघर्षविराम प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। नेतन्याहू ने हमले का बचाव करते हुए कहा कि कतार का हमास से संबंध है और यह हमास को सहयोग, सुरक्षा और वित्तीय मदद देता है।
यह हमला पहली बार अमेरिका के मित्र देश कतर पर किया गया, जो इज़राइल के साथ कूटनीतिक संबंध नहीं रखता, लेकिन वर्षों से हमास के नेताओं की मेजबानी करता रहा है। कतर ने गाजा युद्ध में संघर्षविराम और बंधक मामले में मध्यस्थता में अहम भूमिका निभाई।
2018 से 2023 के बीच कतर ने गाजा में मासिक सहायता और नकद वितरण किया, जिसे नेतन्याहू की कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इस साल इज़राइली मीडिया ने रिपोर्ट किया कि नेतन्याहू के दो सहयोगियों की जांच की जा रही है, जिन पर कतर से कथित भुगतान लेने का आरोप है।




