संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से अपील की है कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाज़ा शांति योजना को स्वीकार करें। इसके साथ ही वेस्ट बैंक के विलय (Annexation) की किसी भी योजना को त्याग दें।
रॉयटर्स से की गई बातचीत में एक प्रतिनिधि ने बताया कि अमीरात ने चेतावनी दी है कि यदि नेतन्याहू वेस्ट बैंक पर कब्ज़ा बढ़ाने की कोशिश करते हैं, तो इससे इज़राइल के लिए प्रमुख अरब और मुस्लिम देशों जैसे सऊदी अरब और इंडोनेशिया के साथ संबंध सामान्य करने की संभावनायें प्रभावित होंगी। UAE, जिसने अब्राहम समझौते (Abraham Accords) के तहत इज़रायल से संबंध सामान्य किए थे, ने न्यूयॉर्क में हुई मुलाक़ात के दौरान अपने विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन ज़ायेद के ज़रिए नेतन्याहू को संदेश दिया कि अमीरात ट्रंप की शांति योजना का समर्थन करता है और इसे सभी पक्षों के लिए लाभकारी मानता है।
ट्रंप प्रशासन का 21 सूत्रीय यह फ्रेमवर्क गाज़ा युद्ध को समाप्त करने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना में गाज़ा का निरस्त्रीकरण, हमास का निशस्त्रीकरण, एक संक्रमणकालीन तकनीकी सरकार की स्थापना और धीरे-धीरे इज़रायली वापसी शामिल है, जबकि पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी अमेरिका के नेतृत्व में होगी। वहीं, सऊदी अरब और अन्य अरब देशों ने साफ कर दिया है कि बिना टू-स्टेट सॉल्यूशन (दो-राष्ट्र समाधान) की दिशा में ठोस प्रगति किए वे इज़रायल के साथ संबंध सामान्य नहीं करेंगे।




