भारत में डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट सेक्टर में क्रांति लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 8 अक्टूबर 2025 को बैंक जमा टोकनाइजेशन (Deposit Tokenization) का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। यह कदम भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
क्या है डिजिटल टोकनाइजेशन?
डिजिटल टोकनाइजेशन का मतलब है कि पारंपरिक बैंक में जमा आपकी असली रकम को डिजिटल टोकन में बदला जाएगा। ये टोकन ब्लॉकचेन पर सुरक्षित रूप से मौजूद रहेंगे और 1:1 अनुपात में असली रकम के बराबर ही होंगे। यानी आपकी हर राशि का डिजिटल रूप बन जाएगा जो बिल्कुल असली पैसे जितना ही मूल्यवान और रिडीमेबल रहेगा।
इसका फायदा आम लोगों को कैसे मिलेगा?
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डिजिटल टोकन के ज़रिए लेन-देन बेहद तेज़, आसान और सुरक्षित हो जाएंगे।
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भुगतान (Payment), फंड ट्रांसफर, और निपटान (Settlement) तुरंत और बिना झंझट के होंगे।
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KYC और ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया अब आसान और डिजिटल होगी—नए नियमों के तहत टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और उन्नत साइबर सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
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फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी के मौके न्यूनतम रहेंगे, क्योंकि लेनदेन ब्लॉकचेन पर दर्ज होगा और डुप्लीकेट ट्रांजैक्शन नामुमकिन हो जाएंगे।
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छोटे पेमेंट या बड़े ट्रांसफर, सबकुछ डिजिटल और रीयल टाइम में मुमकिन होगा।
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बैंकिंग सेक्टर में UPI, नेट बैंकिंग, और कार्ड ट्रांजैक्शन के साथ बेहतरीन इंटीग्रेशन देखने को मिलेगा।
तकनीकी पहलू और भरोसा
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बैंकिंग टोकन सीधा RBI के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) की थोक प्रणाली पर आधारित होंगे, जिसे e₹-W (ई-रुपया-डब्ल्यू) कहते हैं।
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इन टोकनों का सपोर्ट RBI द्वारा किया जाएगा, इसलिए यह किसी भी असंगठित क्रिप्टोकरेंसी से अलग और पूरी तरह सुरक्षित हैं।
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डेटा प्राइवेसी और इंडस्ट्री लेवल एन्क्रिप्शन का इंतजाम किया गया है ताकि आपके बैंकिंग डेटा की सुरक्षा बनी रहे।
समझिए आसान भाषा में—आम नागरिक के लिए बदलाव
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मान लीजिए आपने बैंक में 10,000 रुपये जमा किए हैं। अब आपका बैंक इन्हें डिजिटल टोकनों में बदल सकता है। आपका डिजिटल टोकन आपके मोबाइल ऐप या बैंकिंग प्लेटफॉर्म में दिखेगा।
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आप उसी तरह इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे अभी फोनपे, पेटीएम, या गूगल पे में करते हैं—लेकिन अब यह टोकन RBI के सीधी निगरानी में और ज्यादा सुरक्षित होगा।
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व्यापारी तुरंत डिजिटल टोकन एक्सेप्ट कर सकते हैं। छोटे दुकानदार से लेकर बड़े कारोबारी तक सबको इसका फायदा मिलेगा।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
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बैंकिंग जानकारों के मुताबिक देश में डिजिटल टोकन पर आधारित ट्रांजैक्शन से समय की बचत, पारदर्शिता, और स्केलेबिलिटी बढ़ेगी।
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आगे चलकर ये टोकन सरकारी बॉन्ड, निवेश और अन्य वित्तीय साधनों के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
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अगर यह पायलट सफल रहा तो भारत वित्तीय टेक्नोलॉजी (FinTech) में वैश्विक लीडर बन सकता है।



