Roads and Transport Authority, Dubai (RTA) ने घोषणा की है कि वे एक नए तरह के ट्राम सिस्टम पर काम कर रहे हैं जिसे “ट्रैकलेस ट्राम” कहा जा रहा है। इस ट्राम को चलाने के लिए रेल-रेलों की जरूरत नहीं होगी। इसके स्थान पर स्मार्ट तकनीक-जैसे GPS, LiDAR और कैमरा-सेंसर की मदद से एक “वर्चुअल ट्रैक” का उपयोग होगा।
कब तक तैयार होगा और कहाँ चलेगा?
मामले की पूरी स्टडी अगले साल के मध्य तक या शायद 2026 की पहली तिमाही तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद इंफ्रास्ट्रक्चर व कोर्स-रेखाओं का काम शुरू होगा।
RTA का कहना है कि इस ट्रैकलेस ट्राम को अरबाना बढ़ती जनसंख्या, रास्तों पर भीड़ और मौजूदा ट्रांसपोर्ट सिस्टम को देखते हुए लाया जा रहा है। इस ट्राम को मौजूदा मेट्रो सिस्टम से जोड़ा जाना है ताकि यात्रियों को बेहतर विकल्प मिल सके।

इस ट्राम की खास खूबियाँ
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यह ट्राम पारंपरिक ट्राम की तरह नहीं आएगा जिसमें रेल-रेल चालन करता है। बल्कि सड़कों पर, विशेष लेन में चल सकेगा जहाँ ट्रैक नहीं होंगे।
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ट्राम एक बार चार्ज करने पर लगभग 100 किमी तक चल सकेगा। इसकी गति सड़क पर करीब 70 किमी/घंटा तक हो सकती है, जबकि चलती-चलती 25-60 किमी/घंटा की गति में सामान्य उपयोग होगा।
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हर ट्राम में लगभग 3 केबिन/कार्रिज होंगे और यात्रियों की क्षमता करीब 300 लोग होगी।
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चूंकि ट्रैक नहीं बिछाए जाएंगे, इसलिए निर्माण-लागत व समय कम लगेंगे और पर्यावरण पर असर भी कम होगा।
आम लोगों के लिए क्या मायने रखता है?
अगर आप दुबई में यात्रा करते हैं या रहने वाले हैं, तो इस ट्रैकलेस ट्राम का मतलब यह हो सकता है कि:
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ट्रैफिक-जाम में कमी आ सकती है क्योंकि यह नया विकल्प सड़कों की भीड़ को कम करेगा।
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मेट्रो या बस के बाद एक और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन विकल्प मिलेगा।
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यात्रा का समय कम हो सकता है, विशेष रूप से उन इलाकों में जहाँ अभी ट्रैफिक बहुत होता है।
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पर्यावरण-और ऊर्जा-खर्च की दृष्टि से यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।



