खाड़ी देशों में चल रहे तनाव के बीच सऊदी अरब ने कई बड़े फैसले लिए हैं. सऊदी अरब ने जहां एक और फिलीस्तीन को समर्थन देना शुरू किया है और उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मानने पर सहमति दिया है वहीं दूसरी ओर पूरे अरब देश के लिए एक संयुक्त सेना नाटो के तर्ज पर बनाने के लिए सुर्खी चालू किया है। अब इसी क्रम में सऊदी अरब पूरे देश भर में इमरजेंसी सिस्टम का परीक्षण करने जा रहा है।
सऊदी अरब में सोमवार, 3 नवंबर 2025 को देशभर में इमरजेंसी साइरन और अलर्ट सिस्टम का बड़ा परीक्षण किया जाएगा। यह अभ्यास जनरल डायरेक्टरेट ऑफ सिविल डिफेंस की निगरानी में किया जा रहा है। इसका उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति में देश की तैयारी को मजबूत करना, अलर्ट सिस्टम की क्षमता परखना और लोगों को सही प्रतिक्रिया देने के बारे में जागरूक करना है।
क्यों किया जा रहा है यह टेस्ट?
इस राष्ट्रीय अभ्यास का मकसद दो स्तरों पर सिस्टम की जांच करना है:
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फिक्स्ड साइरन (सड़कों/इलाकों में लगे साइरन)
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नेशनल अर्ली वार्निंग प्लेटफ़ॉर्म (मोबाइल फोन अलर्ट सिस्टम)
प्राधिकरण का कहना है कि इससे यह समझने में मदद मिलेगी कि असली आपातकाल आने पर लोग अलर्ट टोन को पहचानकर तुरंत सही कार्रवाई कर सकें।

कहां-कहां बजेगा साइरन?
यह परीक्षण तीन प्रमुख क्षेत्रों के चयनित हिस्सों में किया जाएगा:
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रियाद क्षेत्र: दिरियाह, अल-खर्ज, अल-दिलम
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मक्का क्षेत्र: जेद्दाह और थुवाल
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तबुक क्षेत्र: सभी गवर्नरेट
टाइमलाइन – 3 नवंबर 2025 (सोमवार)
सरकार ने समय भी स्पष्ट कर दिया है ताकि लोग पहले से तैयार रहें:
| समय | अलर्ट चरण |
|---|---|
| 1:00 PM | मोबाइल फोनों पर “behavioral alert tone” |
| 1:10 PM | दूसरा “national alert tone” संदेश |
| 1:15 PM | चयनित क्षेत्रों में फिक्स्ड साइरन सक्रिय |
अलर्ट कैसे आएगा?
लोगों के मोबाइल फोनों पर सेलुलर ब्रॉडकास्ट सिस्टम के जरिए खास अलर्ट संदेश भेजा जाएगा।
इसके साथ ही, जमीन पर लगे फिज़िकल साइरन एक ही समय पर बजेंगे, ताकि दोनों सिस्टम के बीच तालमेल की जाँच हो सके।
लोगों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश
प्राधिकारियों ने कहा है कि:
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यह केवल रूटीन टेस्ट है
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घबराने की कोई जरूरत नहीं
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किसी भी वास्तविक खतरे की स्थिति नहीं है
इस अभ्यास से नेटवर्क कवरेज, साउंड रेंज, और अलर्ट पैटर्न में आने वाली तकनीकी कमियों की पहचान की जाएगी और भविष्य के लिए सुधार किए जाएंगे।
भविष्य की सुरक्षा तैयारी का हिस्सा
सरकार ने बताया कि यह अभ्यास राष्ट्रीय सुरक्षा आधुनिकीकरण कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें शहरी सुरक्षा नियमों और संकट प्रबंधन प्रणालियों को और मजबूत किया जा रहा है।




